भारतीय सेना पर टिप्पणी के मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की कड़ी फटकार लगाई गई है , सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा कि आपको कैसे मालूम चला कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्ज़ा किया है क्या सबूत है? यदि आप सच्चे भारतीय हैं तो ऐसी बात नहीं कह सकते, हालाँकि कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते लखनऊ में चल रहे मुक़दमे पर फ़िलहाल रोक लगा दी, मामले की अगली सुनवाई भी सुप्रीम कोर्ट ही करेगा।
राहुल गांधी ने भारतीय सैनिकों के लिए की थी अमर्यादित टिप्पणी
राहुल गांधी ने उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना को लेकर एक विवादित बयान दिया था, राहुल ने गलवान में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुए तनाव के बाद कहा था, “लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में क्या-क्या पूछेंगे, लेकिन चीनी सैनिकों द्वारा हमारे सैनिकों की पिटाई पर एक बार भी सवाल नहीं पूछेंगे?” राहुल गांधी ने चीन द्वारा भारतीय जमीन पर कब्जे का भी दावा किया था।
सेना के आधिकारिक बयान के बाद भी राहुल ने उठाये थे सवाल
राहुल गांधी की भारत के सैनिकों के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणी के बाद बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ में राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करवाया, एमपी/एमएलए कोर्ट में दाखिल शिकायत में श्रीवास्तव ने कहा है कि भारतीय सेना ने 12 दिसंबर 2022 को आधिकारिक बयान जारी किया था जिसमें सेना ने कहा था “भारतीय सीमा में अतिक्रमण कर रही चीनी सेना को हमारे सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया, इसके बाद चीनी सेना वापस लौट गई, सेना के आधिकारिक बयान के बावजूद राहुल गांधी ने सेना को अपमानित करने वाला झूठा बयान दिया इससे उन्हें और भारतीय सैनिकों को धक्का लगा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी राहुल गांधी की याचिका
लखनऊ की अदालत के मुक़दमे को राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसपर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था- कोई भी व्यक्ति जो सेना का सम्मान करता हो, वह ऐसे बयान से पीड़ित हो सकता है, कोर्ट ने नसीहत देते हुए भी कहा था कि अभिव्यक्ति की आजादी सबको है लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी सीमा है, अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी कहने की अनुमति नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई कड़ी फटकार
मुकदमे को निरस्त कराने राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, आज सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सुनवाई करते हुए राहुल गांधी पर तल्ख़ टिप्पणी करते हुए पूछा ‘आपको कैसे पता चला कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन कब्जा कर लिया? क्या आप वहां थे? आपके पास क्या सबूत था? अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बात नहीं कह सकते। राहुल गांधी की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा निचली अदालत ने मामले पर संज्ञान लेने से पहले उनका पक्ष नहीं सुना, सिंघवी की बात इस पर अदालत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि यह दलील हाई कोर्ट में नहीं दी गई थी, सिंघवी ने स्वीकार किया कि हाई कोर्ट में यह बात नहीं उठाई गई थी।
लखनऊ की अदालत में चल रहे मुक़दमे पर फ़िलहाल रोक
सुप्रीम कोर्ट में मात्र 5 मिनट चली सुनवाई के दौरान अदालत ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी ने ये विषय संसद में क्यों नहीं रखा? उन्होंने सोशल मीडिया पर ये बातें क्यों की ?हालाँकि कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए लखनऊ में चल रहे मुक़दमे पर फ़िलहाल रोक लगा दी और शिकायतकर्ता और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, सितंबर में सुप्रीम कोर्ट मामले को फिर से सुनेगा, तब तक निचली अदालत की कार्यवाही स्थगित रहेगी।





