सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह अपनी रूसी मां के साथ लापता 5 वर्षीय बच्चे को ढूंढकर तुरंत उसके पिता को सौंपे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए विदेश और गृह मंत्रालय को मां के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने और उसका पासपोर्ट जब्त करने का आदेश दिया।
अदालत ने विदेश मंत्रालय को रूसी दूतावास के अधिकारियों के साथ समन्वय कर उस राजनयिक के आवास की जांच करने का निर्देश दिया जिसके साथ बच्चे की मां को आखिरी बार देखा गया था। पीठ ने चेतावनी दी कि अगर आवश्यक हुआ तो दूतावास के अधिकारियों सहित सभी संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सुनवाई के दौरान मां के वकीलों ने उसके ठिकाने की जानकारी न होने की बात कही जिस पर अदालत ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
भारत में हुआ था जन्म
बच्चे का जन्म 2020 में भारत में हुआ था और माता-पिता के अलगाव के बाद अदालत ने बच्चे की संयुक्त अभिरक्षा का आदेश दिया था। 22 मई के आदेश के तहत मां को सप्ताह में तीन दिन बच्चे को रखने की अनुमति थी जबकि शेष दिन पिता के पास बच्चा रहता था। हालांकि, पिता ने हाल ही में शिकायत की कि 7 जुलाई से मां और बच्चे का कोई अता-पता नहीं है जिसके कारण बच्चा स्कूल और मेडिकल जांच से वंचित हो रहा है।
रूसी राजनयिक पर उठे सवाल
पिता ने यह भी दावा किया कि मां को 4 जुलाई को एक रूसी राजनयिक के साथ दूतावास में प्रवेश करते देखा गया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यदि रूसी दूतावास के अधिकारी किसी गलत गतिविधि में शामिल पाए गए तो उनके खिलाफ भी कानून अपना काम करेगा।





