सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता श्रेयस तलपड़े को एक चिट फंड घोटाले के मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की। विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ कई FIR दर्ज की गई थीं जिसमें उन पर करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप है। जस्टिस बीवी नागरथना और केवी विश्वनाथन की बेंच ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। तलपड़े ने अपनी याचिका में सभी FIR को एक साथ जोड़ने और जांच को लखनऊ स्थानांतरित करने की मांग की है। मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।
कोर्ट ने आदेश दिया कि तब तक तलपड़े के खिलाफ कथित धोखाधड़ी के मामलों में कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। तलपड़े और अन्य आरोपी कथित तौर पर ‘द लोनी अर्बन मल्टीस्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड’ नामक कंपनी चला रहे थे जो ग्रामीणों को उनके निवेश पर आकर्षक रिटर्न का वादा करती थी। कंपनी के एजेंटों ने सैकड़ों लोगों को यह कहकर लुभाया कि उनका पैसा कम समय में दोगुना हो जाएगा। हालांकि, करोड़ों रुपये इकट्ठा करने के बाद कंपनी ने कथित तौर पर अपनी गतिविधियां बंद कर दीं और फरार हो गई।
क्या है पूरा मामला
यह धोखाधड़ी योजना पिछले 10 वर्षों से महोबा में संचालित हो रही थी जिसके बाद यह कानूनी जांच के दायरे में आई। इस साल फरवरी में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में गोमती नगर पुलिस स्टेशन में तलपड़े और अभिनेता अलोक नाथ के खिलाफ 9 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का मामला दर्ज किया गया। दोनों अभिनेताओं और एक क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के पांच अन्य सदस्यों पर धोखाधड़ी का आरोप है।
मल्टी-लेवल मार्केटिंग धोखाधड़ी
इससे पहले, हरियाणा के सोनीपत में तलपड़े, आलोक नाथ और 11 अन्य लोगों के खिलाफ एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग धोखाधड़ी से जुड़ा मामला दर्ज हुआ था। यह विवाद एक सहकारी समिति के इर्द-गिर्द है जो छह वर्षों से निवेशकों से उच्च रिटर्न का वादा करके धन एकत्र कर रही थी। आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े ने इस समिति के निवेश योजनाओं को बढ़ावा दिया था जिससे इस धोखाधड़ी को विश्वसनीयता मिली।





