सुप्रीम कोर्ट : वकीलों को सुप्रीम कोर्ट की खरी खरी, काले कोट में होने का मतलब यह नही की आपकी जान ज्यादा कीमती

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दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एक वकील की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए याचिकाकर्ता वकील पर ही जुर्माना लगा दिया। दरअसल याचिकाकर्ता वकील प्रदीप कुमार ने याचिका दाखिल की थी। जिसमें 60 साल से कम आयु में मरने वाले वकीलों के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग को थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले वकील को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उसने प्रचार के उद्देश्य से ऐसी याचिका दाखिल की है।

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कोर्ट ने कहा कि अगर कोई काले कोट में है, इसका मतलब यह नहीं कि उसकी जान दूसरों से ज्यादा कीमती है। कोर्ट ने याचिका को बेकार बताते हुए याचिकाकर्ता पर 10 हज़ार रुपए का हर्जाना भी लगाया। याचिकाकर्ता प्रदीप का कहना था कि वकील सिर्फ अपने पास आने वाले मुकदमों से ही आय अर्जित करते हैं। और इसके अलावा उनकी आमदनी का कोई दूसरा साधन नहीं होता। वकील समाज की सेवा के लिए 24 घंटे तत्पर रहते हैं  लेकिन उन्हें कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ती हैं। यहां तक कि अधिकतर मकान-मालिक अपने यहां किसी वकील को किराएदार नहीं रखना चाहते।


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Harpreet Kaur