Supreme Court Reject Farmers Petition: शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले से ही एक मामला लंबित है, जिस पर कार्यवाही जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया की इसलिए नई पर चर्चा नहीं होगी, बताया जा रहा है कि यह मामला पहले से ही अदालत के संज्ञान में है।
शंभू बॉर्डर और हाईवे खोलने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका में केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश देने की अपील की गई है। इसमें कहां गया है कि हाइवे जाम करना लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है और यह नेशनल हाईवे एक्ट के तहत भी गलत है। याचिका में मांग की गई है, कि हाइवे बंद करने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो और रास्ते जल्द से जल्द खोले जाएं।
किसान आंदोलन के कारण यातायात में रुकावट
इतना ही नहीं कोर्ट में दायर याचिका में यह भी कहा गया है, कि किसानों के प्रदर्शन के कारण आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में मांग की गई है कि आंदोलनकारी किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे पटरियों को बंद नहीं किया जाए, ताकि सार्वजनिक आवाजाही सही तरीके से चल सके और यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
किसानों और पुलिस के बीच झड़प, 9 घायल
आपको बता दें, रविवार 8 दिसंबर 2024 को 101 किसानों के एक समूह ने दिल्ली की और कूच करने की कोशिश की, जिससे पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई। हरियाणा के सुरक्षा बलों ने पंजाब सीमा पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को रोकने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जिससे स्थिति को नियंत्रित किया गया। किसान नेताओं का कहना है, कि पुलिस के बल प्रयोग की वजह से लगभग 9 किसान घायल हो गए हैं। जिनमें से एक को चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) में भर्ती कराया गया है।
आज होगी दिल्ली मार्च की आगे की योजना पर चर्चा
किसान नेताओं ने दिल्ली मार्च को फिलहाल स्थगित कर दिया है। अब सोमवार यानी आज, 9 दिसंबर को किसान संगठनों की बैठक होगी, जिसमें आगे की योजना बनाई जाएगी। इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा अगली रणनीति पर चर्चा करेंगे। पंजाब की किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि यह बैठक आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए योजना बनाने के लिए हो रही है।