स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज आक्रोशित, बोले- राहुल गांधी ने हिंदू मान्यताओं पर प्रहार किया, समाज को कलंकित किया है, उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए

स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि हिंदू सम्पूर्ण जैव जगत को प्रेम करता है सबमें ईश्वर को देखता है हिंदू अहिंसक है समन्वयवादी और सहिष्णु है हिन्दू कहता है पूरा विश्व मेरा परिवार है और वो सबके कल्याण सुख समृद्धि की कामना करता है और इसे अपना धर्म मानता है।    

Atul Saxena
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Swami Avadheshanand Rahul Gandhi

Rahul called Hindus violent : देश के बहुसंख्यक समाज हिंदू समाज को 24 घंटे हिंसा करने वाला , नफरत करने वाला और असत्य बोलने वाला बताकर राहुल गांधी फंस गए हैं भाजपा के नेताओं , मंत्रियों के साथ साथ अब संत समाज भी राहुल गांधी के बयान से आहत और आक्रोशित है। जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने राहुल गांधी को आईना दिखाते हुए उनसे पूरे समाज से माफ़ी मांगने के लिए कहा है।

भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश ने राहुल गांधी द्वारा हिन्दुओं को हिंसक कहे जाने वाले बयान के साथ स्वामी अवधेशानंद महाराज का वीडियो सन्देश क्लब कर सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया है, स्वामी अवधेशानंद  गिरि जी महाराज ने कहा कि राहुल गांधी का ये कहना कि हिंदू  24 घंटे हिंसा करते हैं, हिन्दू नफरत फैलाते हैं या हिंदू असत्य बोलते हैं , मैं उनके इस बयान की भर्त्सना करता हूँ।

ये शब्द मान्य नहीं हैं राहुल गांधी को क्षमा मांगनी चाहिए

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अपना बयान वापस लेना चाहिए इससे पूरा समाज आहत है, संत समाज में रोष है , राहुल ने हिंदू मान्यताओं पर प्रहार किया है, जो अत्यंत कोमल और करुणामयी संवेदना हैं,  ऐसा कहकर उन्होंने सम्पूर्ण समाज को कलंकित किया है ये शब्द मान्य नहीं हैं राहुल गांधी को इसके लिए क्षमा मांगनी चाहिए।

अवधेशानंद महाराज ने बताई हिंदू की विशेषताएं 

स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि हिंदू सम्पूर्ण जैव जगत को प्रेम करता है सबमें ईश्वर को देखता है हिंदू अहिंसक है समन्वयवादी और सहिष्णु है। हिन्दू कहता है पूरा विश्व मेरा परिवार है और वो सबके कल्याण सुख समृद्धि की कामना करता है और इसे अपना धर्म मानता है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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