Taj Mahotsav 2023: 18 फरवरी से शुरू होगा ताज महोत्सव, जानिए आखिर क्यों मनाते हैं ये फेस्टिवल

Sanjucta Pandit
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Taj Mahotsav 2023 : हर साल यूपी के आगरा में ताज महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसमें देश- दुनिया से पर्यटक यहां पहुंचते हैं। ताजमहल प्यार और त्याग का प्रतीक है। इसलिए यह हमेशा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। इसी कड़ी में हर साल ताज महोत्सव का आयोजन किया जाता है और इस साल 18 फरवरी से लेकर 27 फरवरी तक किया जा रहा है। इसके लिए अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गई है। यदि आप भी आगरा जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप फरवरी में यहां जा सकते हैं। तो चलिए बताते है कि ताजमहल और ताज महोत्सव के बारे में सबकुछ जानते हैं…

Taj Mahotsav 2023: 18 फरवरी से शुरू होगा ताज महोत्सव, जानिए आखिर क्यों मनाते हैं ये फेस्टिवल

महोत्सव की अहम बातें

  • ताज महोत्सव का आयोजन आगरा में होने वाला है। यह महोत्सव ताजमहल के पूर्वोत्तर दरवाजे के समीप होगा।
  • इस महोत्सव में आप नृत्य, गायन और संगीत का लुत्फ उठा सकते हैं। देश भर से कलाकार ताज महोत्सव में शिरकत करते हैं।
  • 18 फरवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक ताज महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
  • इस मौके पर शिल्प कला से रूबरू हो सकते हैं। साथ ही स्थानीय जायकों का आनंद भी उठा सकते हैं।
  • प्रति व्यक्ति एंट्री 50 रुपये हैं। वहीं, 5 साल से कम उम्र के बच्चों और विदेशी पर्यटकों के लिए एंट्री फ्री है।
  • वहीं, 100 से अधिक छात्रों के ग्रुप की एंट्री फी 500 रुपये हैं।

Taj Mahotsav 2023: 18 फरवरी से शुरू होगा ताज महोत्सव, जानिए आखिर क्यों मनाते हैं ये फेस्टिवल

आखिर क्यों मनाते हैं ताज महोत्सव

आगरा पर्यटन विभाग टूरिज्म बढ़ाने के लिए हर वर्ष ताज महोत्सव का आयोजन करता है। ताज महोत्सव उत्सव 1992 में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था, जिसमें बहुत सारे ‘फिल्मी कार्यक्रम’ शामिल है। यह विदेशी आगंतुकों के लिए है। इसका उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भारत के पर्यटन को बेहतर बनाना है।

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प्यार का प्रतीक है ताजमहल

ताजमहल प्यार का प्रतीक है जो कि उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है। इस मकबरे को शाहजहां ने अपनी बेगम की याद में बनवाया था। बता दें ताजमहल वास्तुकला का अनुपम उदाहरण है। साल 1983 में यूनेस्को ने ताजमहल को विश्व धरोहर का दर्जा दिया है। यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां दीदार करने आते हैं और अपने साथ काफी सारे यादगार लम्हें ले जाते हैं।

बता दें कि यह मकबरा 17-हेक्टेयर (42 एकड़) जगह पर फैला हुआ है, जिसमें एक मस्जिद और एक गेस्ट हाउस भी है। इसके अंदर और इसके नीचे मुमताज महल की कब्र के अलावा कई कमरे भी मौजूद हैं, जिनमें से कई कमरे मुगल काल से ही बंद है।

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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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