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Fri, Dec 19, 2025

तमिलनाडु ने जारी की अपनी राज्य शिक्षा नीति, केंद्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को चुनौती; अब क्या होगा

Written by:Mini Pandey
Published:
एसईपी ने तमिलनाडु की दो-भाषा नीति को बरकरार रखा है और एनईपी की तीन-भाषा नीति को खारिज कर दिया है।
तमिलनाडु ने जारी की अपनी राज्य शिक्षा नीति, केंद्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को चुनौती; अब क्या होगा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को कोट्टूरपुरम के अन्ना सेंटेनरी लाइब्रेरी ऑडिटोरियम में राज्य शिक्षा नीति (एसईपी) का अनावरण किया। इसे केंद्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के स्पष्ट विकल्प के रूप में पेश किया गया है। 2022 में रिटायर्ड जस्टिस मुरुगेसन की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, जिसने पिछले साल जुलाई में अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री को सौंपी थीं। अब इस नीति को औपचारिक रूप से जारी कर दिया गया है।

एसईपी ने तमिलनाडु की दो-भाषा नीति को बरकरार रखा है और एनईपी की तीन-भाषा नीति को खारिज कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, यह नीति कला और विज्ञान पाठ्यक्रमों में स्नातक प्रवेश के लिए 11वीं और 12वीं कक्षा के समेकित अंकों को आधार बनाएगी, न कि किसी सामान्य प्रवेश परीक्षा को। इसके अलावा, यह नीति कक्षा 3, 5 और 8 में सार्वजनिक परीक्षाओं के एनईपी के प्रस्ताव को प्रतिगामी और सामाजिक न्याय के खिलाफ मानती है, क्योंकि इससे ड्रॉपआउट दर बढ़ सकती है और शिक्षा का व्यावसायीकरण हो सकता है।

सरकारी संस्थानों में बड़े निवेश की सिफारिश

समिति ने विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), और अंग्रेजी पर जोर देने के साथ-साथ सरकारी संस्थानों में बड़े निवेश की सिफारिश की है। साथ ही, शिक्षा को समवर्ती सूची से हटाकर पुनः राज्य सूची में लाने का प्रस्ताव दिया गया है। यह नीति केंद्र और राज्य के बीच वित्त पोषण को लेकर तनाव के बीच सामने आई है। तमिलनाडु का आरोप है कि केंद्र ने एनईपी लागू न करने के कारण समग्र शिक्षा योजना के तहत 2,152 करोड़ रुपये की राशि रोक दी है।

‘तमिलनाडु एनईपी लागू नहीं करेगा’

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि नीट लागू करने पर ही धनराशि जारी की जाएगी। हालांकि, एसईपी के लॉन्च के दौरान मंत्री उधयनिधि स्टालिन ने कहा, “चाहे केंद्र 1,000 करोड़ रुपये दे, तमिलनाडु एनईपी लागू नहीं करेगा। तमिलनाडु किसी भी तरह के दबाव को स्वीकार नहीं करता।” यह नीति तमिलनाडु की शिक्षा के क्षेत्र में स्वायत्तता और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।