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Thu, Dec 18, 2025

‘लड़का जल्दबाजी में है’, डीके शिवकुमार और तेजस्वी सूर्या में टकराव; आखिर किस बात पर भिड़ गए

Written by:Mini Pandey
Published:
शिवकुमार ने पत्रकारों को नई मेट्रो लाइन की सैर कराते हुए बताया कि 19.5 किलोमीटर की इस लाइन पर 7,610 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
‘लड़का जल्दबाजी में है’, डीके शिवकुमार और तेजस्वी सूर्या में टकराव; आखिर किस बात पर भिड़ गए

बेंगलुरु मेट्रो की नई येलो लाइन के उद्घाटन को लेकर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार और बीजेपी के बीच तनातनी शुरू हो गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी सूर्या ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया, जिस पर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने उन्हें जल्दबाजी में बच्चा कहकर तंज कसा। शिवकुमार ने आरोप लगाया कि सूर्या ने बिना राज्य सरकार से सलाह-मशविरा किए उद्घाटन की घोषणा कर दी। जवाब में, सूर्या ने शिवकुमार पर उम्रवादी और असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस “देरी की राजनीति” करती है।

तेजस्वी सूर्या ने एनडीटीवी से विशेष बातचीत में कहा, “मैं भारत की उस युवा पीढ़ी का हिस्सा हू जो आज सुधार चाहती है, न कि किसी दूर के भविष्य में।” उन्होंने कहा कि मेट्रो हजारों लोगों की जरूरत है, जो अपने कार्यालय तक पहुँचने के लिए सार्वजनिक परिवहन में दो घंटे बिताते हैं। सूर्या ने कांग्रेस पर उद्घाटन को छह बार टालने का आरोप लगाया और कहा कि येलो लाइन क्षेत्र के सात विधायकों, दो सांसदों और सैकड़ों लोगों ने इसके लिए कड़ा संघर्ष किया।

तेजस्वी सूर्या को बताया अनुभवहीन

शिवकुमार ने पत्रकारों को नई मेट्रो लाइन की सैर कराते हुए बताया कि 19.5 किलोमीटर की इस लाइन पर 7,610 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी मंजूरी 31 जुलाई को ही मिली, और सूर्या की जल्दबाजी के बावजूद उद्घाटन 10 अगस्त को प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा। उन्होंने सूर्या को अनुभवहीन बताते हुए कहा कि सरकार तकनीकी मंजूरी के बिना जल्दबाजी नहीं कर सकती।

परियोजना का श्रेय लेने की कोशिश

तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस पर इस परियोजना का श्रेय लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया, जिसके लिए उनका योगदान न के बराबर रहा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना 2018 में शुरू हुई थी और 2021 तक पूरी होनी थी, लेकिन कोविड-19 और भूमि अधिग्रहण की समस्याओं के कारण देरी हुई। सूर्या ने दावा किया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकारों ने इस दौरान 95 प्रतिशत सिविल कार्य पूरे किए, जबकि कांग्रेस सरकार ने बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक तक नियुक्त नहीं किया।