नई दिल्ली: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपते हुए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इसके बाद मंगलवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की और साथ ही राष्ट्रपति से भेंट भी की। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब सदन के मानसून सत्र की शुरुआत ही उपराष्ट्रपति के त्यागपत्र की छाया में हुई है।
राष्ट्रपति ने इस्तीफ को किया स्वीकार
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा कि वे स्वास्थ्य कारणों के चलते पद छोड़ रहे हैं और डॉक्टरों की सलाह पर अब स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहते हैं। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है और अब उपराष्ट्रपति का पद रिक्त है। उपराष्ट्रपति होने के नाते वे राज्यसभा के पदेन सभापति भी थे, लिहाज़ा अब यह पद भी स्वतः खाली हो गया है।
हरिवंश ने संभाली राज्यसभा की कमान
धनखड़ के इस्तीफे के बाद मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता उपसभापति हरिवंश ने की। कार्यवाही की शुरुआत के कुछ समय बाद ही सदन को स्थगित कर दिया गया। दिन में हरिवंश राष्ट्रपति भवन पहुंचे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन ने इस मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए जानकारी दी कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति से शिष्टाचार भेंट की। धनखड़ की तबीयत पिछले कुछ महीनों से लगातार बिगड़ती रही है।
मार्च में उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें यात्राओं से परहेज की सलाह दी थी। जून में नैनीताल के कुमाऊं विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में वे मंच पर बेहोश हो गए थे। जुलाई की शुरुआत में केरल दौरे के दौरान भी वे अस्वस्थ हो गए थे। वहीं 17 जुलाई को दिल्ली में एलजी वीके सक्सेना के साथ एक कार्यक्रम में भी उन्हें अचानक कमजोरी महसूस हुई थी और उनकी पत्नी ने उन्हें सहारा दिया था।
राजनीतिक हलचल तेज, नए चेहरे की तलाश शुरू
धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब देश को नया उपराष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है। यह एक संवैधानिक पद है, जिस पर चुनाव होने तक उपसभापति हरिवंश कार्यकारी भूमिका में रहेंगे। सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों की निगाहें इस पर टिकी हैं कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। खास बात यह है कि संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है और ऐसे समय में उपराष्ट्रपति का पद खाली होना राज्यसभा की कार्यप्रणाली पर भी असर डाल सकता है। पीएम मोदी ने भी इसको लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि जगदीप धनखड़ जी ने देश को बहुत कुछ दिया। भारत के लोग उनको याद रखेंगे।





