नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। गुरुग्राम (Gurugram) से एक झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा उचित इलाज ना करने के बाद मारुति कंपनी के कर्मचारी की मौत का मामला सामने आया है। यह घटना 26 सितंबर की है, मारुति कर्मचारी की इलाज के दौरान मौत हो गई तो डॉक्टर ने अपने साथी के साथ मिलकर उसके शव को सड़क पर फेंक दिया और फरार हो गया। पुलिस ने इसे सामान्य घटना मानते हुए शव का पोस्टमार्टम करने के लिए भेज दिया। लेकिन फिर लोगों की आपत्ति के बाद जब छानबीन की गई तो मामले का खुलासा हुआ।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युवक राजस्थान के चूरु का रहने वाला है जिसका नाम लीलाधर है। वह एक पीजी में रहकर मारुति कंपनी में कर्मचारी के रूप में काम कर रहा था। 26 सितंबर को जब उसे बुखार आया तो पास में डॉक्टर फईम के क्लीनिक में पहुंचा। जहां डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाया और थोड़ी देर बाद लीलाधर की मौत हो गई। मरीज की अचानक मौत हो जाने से डॉक्टर ने डर के मारे अपने दोस्त को बुलाकर शव को युवक की पीजी के सामने फेंक दिया और क्लीनिक को बंद कर फरार हो गया।
मामले की सूचना पुलिस को लगी तो उन्होंने इसे सामान्य मौत माना। परिजनों के विरोध के बाद जब आसपास के सीसीटीवी कैमरा खंगाले गए तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। दबिश देने के बाद डॉक्टर पुलिस की गिरफ्त में आ गया है जबकि उसके साथी की तलाश की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक कुछ राहगीरों ने शव पड़े होने की सूचना दी थी।जब पुलिस मौके पर पहुंची तो शरीर पर किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं दिखाई दे रहे थे। पुलिस को लगा कि यह सामान्य मौत है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। युवक के परिजनों ने जब इस मामले पर सवाल उठाए तो सीसीटीवी की तलाशी ली गई और यह सामने आया कि 2 लोग पीजी के सामने युवक के शव को फेंक कर जा रहे हैं। छानबीन के बाद पता चला की ये पास में ही स्थित क्लीनिक का डॉक्टर है। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और अब डॉक्टर के सुभान नामक दोस्त की जगह जगह तलाश की जा रही है।