भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां हर तरह के पेड़-पौधे उगाए जाते हैं। खाने-पीने की चीजों की भी खेती-बाड़ी की जाती है। आज हम आपको उस राज्य के बारे में बताएंगे जहां चने की खेती सबसे ज्यादा होती है। दालों की खेती में चना एक अहम स्थान रखता है। यह शरीर को पोषण देने के साथ-साथ किसानों के लिए अच्छी आमदनी का जरिया भी है। अमूमन चने की खेती पूरे देश में की जाती है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा उत्पादन एक ऐसे राज्य में होता है जो भारत का दिल कहा जाता है।
राजनीति से लेकर सौंदर्य, संस्कृति, परंपरा में आगे रहने वाले राज्य मध्य प्रदेश में ही चने की खेती सबसे ज्यादा की जाती है। यहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना भी लगा रहता है।

पोषक तत्वों से भरपूर
आमतौर पर देखा जाए तो भारत में चने का इस्तेमाल लाल बेसन, नमकीन और कई तरह के स्नैक्स में किया जाता है। यह रबी सीजन में बोई जाने वाली एक फसल है, जो कम पानी में भी अच्छी उपज देती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर और आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जिससे शरीर को पोषक तत्व मिलता है।
MP में खेती
अकेले मध्य प्रदेश में देश का लगभग 40% से अधिक चने का उत्पादन होता है क्योंकि राज्य की जलवायु और मिट्टी चने की खेती के लिए बेहद अनुकूल मानी जाती है। खासकर बुंदेलखंड, मालवा और निवार के इलाके में बहुत अधिक इसका उत्पादन किया जाता है। यहां की मिट्टी काली होती है और जलवायु ठंडी और सुहावनी होने के कारण यहां सिंचाई की ज्यादा जरूरत नहीं होती। ऐसे में किसान बहुत कम लागत में अच्छी पैदावार कर लेते हैं। यही कारण है कि मध्य प्रदेश में हर साल लाखों हेक्टेयर में चने की बुवाई होती है।
सरकार करती है मदद
वहीं, राज्य सरकार द्वारा किसानों को उन्नत बीज, सब्सिडी और फसल बीमा जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। इसके अलावा मंडियों में भी किसानों को राहत मिलती है। किसान चने को उगाने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल करते हैं, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी होती है और किसानों की आमदनी भी बढ़ती है। यहां उगाए जाने वाले चने के बाद भारत के अलावा अन्य देशों में भी निर्यात किया जाता है। खासकर प्रोसेसिंग उद्योग के लिए यहां से बड़ी मात्रा में चना खरीदा जाता है, जिससे राज्य को और किसानों को आर्थिक रूप से बहुत ही अधिक फायदा मिलता है।