इतिहास में दिल्ली का कई बार बदल चुका है नाम, कई लोग आज भी हैं अनजान!

आज हम आपको दिल वालों के शहर दिल्ली के उन नाम के बारे में बताएंगे, जो महाभारत काल से लेकर अब तक कई बार बदल चुका है। इसका इतिहास काफी रोचक और अनोखा है।

राजधानी दिल्ली के बारे में हम सभी बचपन से ही पढ़ते और सुनते आ रहे हैं। यहां घूमने के लिए एक से बढ़कर एक जगह है, जहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। यहां आप नाइट हैंग आउट भी कर सकते हैं। दिल्ली को दिल वालों का शहर भी कहा जाता है। यहां आप इंडिया गेट, लाल किला, सरोजनी मार्केट, पालिका बाजार, आदि घूम सकते हैं। शाम के समय स्थानीय लोगों की यहां अधिक भीड़ देखने को मिलती है।

यहां की ऐतिहासिक इमारतें और भीड़भाड़ वाले बाजार दुनिया भर में मशहूर है। दिल्ली में एक से बढ़कर एक टूरिस्ट प्लेस है, जहां आपको जाने के बाद रिलैक्स भी फील होगा।

दिल्ली (Delhi)

आज हम आपको दिल वालों के शहर दिल्ली के उन नाम के बारे में बताएंगे, जो महाभारत काल से लेकर अब तक कई बार बदल चुका है। इसका इतिहास काफी रोचक और अनोखा है। यह शहर कई बार बसी और कई बार उजड़ चुकी है। इसके साथ ही इस पुराने शहर का नाम भी कई दफा बदला जा चुका है।

कई बाद बदल चुका है नाम

  • महाभारत काल की बात करें, तो वर्तमान में दिल्ली के नाम से जाने जाने वाली है इस सिटी को इंद्रप्रस्थ कहा जाता था। यह पांडवों की राजधानी थी, जो कि यमुना नदी के किनारे स्थित थी और आज भी है।
  • बाद में जब तोमर शासक अनंगपाल द्वितीय ने 8वीं और 9वीं सदी में इस शहर को बसाया, तो इसका नाम ढिल्ली रखा गया। यह उस समय का काफी अनोखा नाम था। जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं।
  • इसके बाद, मध्यकाल का समय आया। जब दिल्ली के दक्षिणी हिस्से को योगिनीपुरी के नाम से जाना गया। इस नाम के इतिहास के बारे में भी बहुत ही कम लोगों को जानकारी है।
  • हालांकि, बाद में अलाउद्दीन खिलजी ने इसका नाम बदलकर सिरी कर दिया। उस समय यह सैन्य राजधानी हुआ करती थी, जहां आम जनता को भी तरह-तरह की सुख-सुविधा उपलब्ध कराई गई थी।
  • इसके बाद, एक नया दौर आया जब फिरोज शाह तुगलक ने दिल्ली में ही फिरोजाबाद नामक एक नया नगर बसाया। इसके कुछ अंश आज भी देखने को मिलते हैं। आप फिरोज शाह कोटला में इसके अवशेष भी देख सकते हैं।
  • इसके बाद, शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में शाहजहानाबाद की स्थापना की, जहां लाल किला और जमा मस्जिद स्थित है। यह आज भी विश्व भर में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां सालों भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है।
  • भारत में ब्रिटिश शासन का दौर आने के बाद साल 1911 में दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। हालांकि, इसके कई सालों बाद इस शहर को दिल्ली का नाम मिला। वहीं, अब लोग इस नई दिल्ली के नाम से भी जाने जाते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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