भारत का इकलौता शहर, जहां नहीं चलती एक भी गाड़ी! फिर भी बन चुका है पर्यटकों की पहली पसंद

ऐसे में आज हम आपको भारत की उस जगह के बारे में बताएंगे, जहां गाड़ियां नहीं चलती है। यहां जाने के लिए लोगों को घोड़े की सवारी करनी पड़ती है। यह पर्यटकों के लिए एक अनोखा और सुखद यात्रा बन जाता है।

भारत में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक स्थान है, जहां सालों भर पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है। देश में उत्तर से लेकर दक्षिण तक… पूर्व से लेकर पश्चिम तक सभी कोनों में हिल स्टेशन, समुद्री तट, धार्मिक स्थल आदि मौजूद है। जिनकी अलग-अलग खासियत है। इनका महत्व इन्हें बाकी सभी जगह से अलग बनाता है, जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दराज से पहुंचते हैं। सालों भर सैलानियों के आने से अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है। इन दिनों लोग विलेज टूरिज्म को भी नजदीक से जानना चाहते हैं, इसलिए वह एक से बढ़कर एक अनोखे गांव की भी तलाश करते हैं।

ऐसे में आज हम आपको भारत की उस जगह के बारे में बताएंगे, जहां गाड़ियां नहीं चलती है। यहां जाने के लिए लोगों को घोड़े की सवारी करनी पड़ती है। यह पर्यटकों के लिए एक अनोखा और सुखद यात्रा बन जाता है।

भारत का इकलौता शहर

दरअसल, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित माथेरान शहर (Matheran City) देश ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया का इकलौता ऐसा शहर है, जहां किसी भी प्रकार के वाहन को चलाने पर रोक है। इस शहर को लोग ऑटोमोबाइल वहान फ्री सिटी के नाम से भी जानते हैं। यहां आपको घूमने के लिए या तो ढाई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ेगी या फिर आप घुड़सवारी भी कर सकते हैं। यह भारत का सबसे छोटा हिल स्टेशन है, जो मात्र 7 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

घुड़सवारी या टॉय ट्रेन का लें मजा

आबादी की बात की जाए, तो यह करीब 6000 के आसपास है। माथेरान पहाड़ों पर बसा होने के कारण लोगों के बीच सर्वाधिक लोकप्रिय हो रहा है। यह समुद्र तल से 2635 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। चारों तरफ हरियाली से घिरा होने के कारण पर्यटक यहां सुकून और शांति के लिए आते हैं। इस जगह की खास बात बता दें कि सरकार ने शहर के पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस संवेदनशील घोषित किया है। इसी कारण यहां पर एक भी गाड़ी नहीं चलती है। आप यहां पर घुड़सवारी करने के साथ ही टॉय ट्रेन का आनंद ले सकते हैं। यहां साल 1907 में टॉय ट्रेन बनवाई गई थी। यह नेरल से माथेरान के वन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा पार करते हुए 20 किलोमीटर की दूरी तय करती है।

वातावरण रहता है खुशनुमा

सालों भर यहां का वातावरण खुशनुमा रहता है। यहां आने वाले पर्यटक इस धरती का स्वर्ग भी कहते हैं। यहां आकर आप ट्रैकिंग का मजा भी उठा सकते हैं। यदि आपको कभी माथेरान जाने का मौका मिले, तो आप यहां पर सीधी हार्ट पॉइंट, ट्री हिल प्वाइंट, आदि जा सकते हैं। इसके अलावा, आप रामबाग, पैनारोमा प्वाइंट जा सकते हैं, जहां आपको सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक का अनोखा दृश्य देखने को मिलेगा, जिसे आप देखकर आप मंत्र मुक्त हो जाएंगे।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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