भारत में बच्चों के बीच पढ़ाई लिखाई करने का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। बहुत ही छोटी उम्र से पढ़ाई का बोझ उठाते-उठाते कम उम्र में ही वह मैच्योर हो जाते हैं। वहीं, हर गली-मोहल्ले में बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों की संख्या इतनी अधिक हो चुकी है कि हर कोई अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में ही भेजना पसंद कर रहा है। आज के दौर में कंपटीशन को देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों के फ्यूचर को बेहतर और सुरक्षित करना चाहते हैं। इसलिए वह जैसे-तैसे आजीविका चलाने के बाद भी अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाते हैं।
यूं तो भारत में महंगे-से-महंगे स्कूलों की कोई कमी नहीं है। ना ही यूनिवर्सिटी और कॉलेज की कोई कमी रह गई है। बच्चे जहां चाहे अपनी मर्जी से एडमिशन लेकर पढ़ाई कर सकते हैं।

भारत का एकमात्र शहर
ऐसे में आज हम आपको भारत के उस एकमात्र शहर से रूबरू करवाएंगे, जहां 5 यूनिवर्सिटी और 200 से अधिक कॉलेज है। जिसे शिक्षा की नगरी भी कहा जाता है। यहां बच्चों की काफी ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। सालों भर यहां सड़के स्टूडेंट से खचाखच भरे रहते हैं। खास अवसर पर स्टूडेंट ट्रेन, बस या फिर फ्लाइट के माध्यम से अपने-अपने घरों को जाते हैं। यहां के लोग हॉस्टल, पीजी, रेस्टोरेंट से अपना भरण-पोषण करते हैं।
वाराणसी
दरअसल, भारत का इकलौता शहर वाराणसी है, जहां पर 5 यूनिवर्सिटी और 200 से अधिक कॉलेज है। यह शहर 16 विद्याओं का सबसे बड़ा केंद्र है। NIRF रैंकिंग 2025 के मुताबिक, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी टॉप 5 यूनिवर्सिटी की लिस्ट में शामिल है। यहां हर साल लाखों की संख्या में छात्र एडमिशन के लिए आवेदन करते हैं। वाराणसी में स्थित दूसरा विश्व विद्यालय महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ है। यह यूपी के सबसे बड़े स्टेट यूनिवर्सिटी में से एक है। इससे करीब 400 से अधिक कॉलेज संबद्ध यानी एफिलिएटिड है।
200 से अधिक कॉलेज
वहीं, वाराणसी में ही विश्व का सबसे बड़ा संस्कृत विश्वविद्यालय है। इसके अलावा, वाराणसी के सारनाथ में स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान विश्वविद्यालय भी काफी मशहूर है। वाराणसी में पांचवां सबसे बड़ा विश्वविद्यालय अल-जामिया-तूस-लफिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां BHU, MGKVP के अलावा पूर्वांचल यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेज भी है। यहां छोटे बड़े मिलाकर करीब 200 से भी अधिक कॉलेज है।
आस्था का केंद्र
वाराणसी बहुत बड़ा धार्मिक स्थल है, जहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। वाराणसी की हर गलियों में भगवान शिव का वास है। यहां दिवाली, अमावस्या, पूर्णिमा, आदि बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर लोगों की आस्था का केंद्र है। इसके अलावा, यहां होली भी अनोखे तरीके से ही मनाई जाती है। धर्म और आस्था का केंद्र वाराणसी पढ़ाई के साथ-साथ हर क्षेत्र में आगे है।