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Sun, Dec 21, 2025

भारत का एकमात्र रेलवे स्टेशन, जहां टिकट बिकते हैं रोजाना, लेकिन कोई नहीं करता सफर!

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
ट्रेन का सफर बहुत ही यादगार और अनोखा होता है। इस दौरान लोग कई तरह के लोगों से मिलते हैं, नया अनुभव प्राप्त करते हैं। अलग-अलग क्षेत्रों की संस्कृति और सभ्यता को देखते हैं।
भारत का एकमात्र रेलवे स्टेशन, जहां टिकट बिकते हैं रोजाना, लेकिन कोई नहीं करता सफर!

भारतीय रेलवे (Indian Railways) का इतिहास जितना ज्यादा पुराना है, उतना ही अधिक मजेदार भी है। यहां हर वर्ग के यात्री सफर करते हैं। यह बेहद आसान, आरामदायक और सस्ता सफर माना जाता है। पूरे विश्व में यह चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। देश भर के अलग-अलग हिस्सों के लिए लगभग 1300 से अधिक ट्रेन रोजाना संचालित की जाती है। जिसमें सभी के रूट अलग-अलग होते हैं। शहर, क्षेत्रफल और लोगों की सुविधाओं के अनुसार रेलवे स्टेशन और उनके स्टॉपेज तय किए जाते हैं। भारत में राजधानी, दुरंतो, वंदे भारत, शताब्दी, तेजस, गरीब रथ, एक्सप्रेस, मेल, सुपरफास्ट, लोकल आदि चलाई जाती है।

ट्रेन का सफर बहुत ही यादगार और अनोखा होता है। इस दौरान लोग कई तरह के लोगों से मिलते हैं, नया अनुभव प्राप्त करते हैं। अलग-अलग क्षेत्रों की संस्कृति और सभ्यता को देखते हैं।

भारत का एकमात्र रेलवे स्टेशन

इंडियन रेलवे से जुड़े कई ऐसे फैक्ट्स हैं, जिनके बारे में तो लोग जानते हैं, पर कुछ ऐसे भी फैक्ट्स हैं, जिससे बहुत सारे लोग आज भी अनजान हैं। अभी भी देश में ऐसी बहुत सारी जगहें हैं, जहां रेलवे का विस्तार सही तरीके से नहीं हो पाया है। इसके अलावा, एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है, जहां लोग टिकट तो खरीदते हैं, लेकिन कोई ट्रेन से सफर नहीं करता।

दयालपुर

दरअसल, इस रेलवे स्टेशन का नाम दयालपुर है, जो कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जोन में स्थित है। यहां स्टेशन पर हर दिन लोग आते हैं, टिकट खरीदते हैं लेकिन बिना सफर किए ही वापस चले जाते हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा साल 1954 में इस रेलवे स्टेशन का निर्माण कराया गया था। यहां सभी ट्रेनें रुकती थीं लेकिन धीरे-धीरे समय बदलता गया और करीब 50 साल बाद रेलवे स्टेशन पर ताला लगा दिया गया।

वजह

भारतीय रेलवे द्वारा नुकसान का हवाला देते हुए इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। रेलवे के नियम के मुताबिक, अगर किसी स्टेशन पर काफी समय तक लगातार 50 से कम टिकट बिकते हैं, तो उस स्टेशन को एक समय के बाद बंद कर दिया जाता है। ऐसा ही कुछ दयालपुर रेलवे स्टेशन के साथ हुआ। नियम अनुसार, साल 2006 में इस स्टेशन को बंद कर दिया गया। लोगों की मांग पर साल 2020 में इस स्टेशन को दोबारा पटरी पर लाने का प्रयास किया गया। इसके बाद आसपास रहने वाले लोगों ने स्टेशन से टिकट खरीदने शुरू कर दिए। यही कारण है कि स्टेशन को चालू रखने के लिए लोग स्टेशन जाकर रोज टिकट खरीदते हैं।

1 ही ट्रेन का है स्टॉपेज

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि स्टेशन को चालू रखने के लिए लोग रोज टिकट खरीदते हैं, लेकिन यात्रा नहीं करते। रेलवे द्वारा फिर से स्टेशन को बंद न कर दिया जाए, इसलिए स्थानीय लोग हर महीने करीबन 700 रुपए की टिकट खरीदते हैं। इस स्टेशन पर केवल एक ही ट्रेन रुकती है। उम्मीद है सरकार द्वारा और भी ट्रेनों का संचालन किया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों को सुविधा मिल सके।