भारतीय रेलवे (Indian Railways) का इतिहास काफी पुराना रहा है। इसे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क माना जाता है, जहां हर कोने के लिए हर समय ट्रेन मिल जाती है। इससे अर्थव्यवस्था को भी बहुत ज्यादा मजबूती मिलती है। यात्री ट्रेन के अलावा भारत में मालगाड़ी की संचालित की जाती है, जिससे माल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बहुत ही कम खर्चे में पहुंचाया जा सकता है। ट्रेन में सफर करना जितना आरामदायक है, उतना ही लिया मजेदार और सस्ता माध्यम भी है। हर तबके के लोग ट्रेन से सफर कर सकते हैं। कई दशक पहले ट्रेन में बहुत ज्यादा सुविधा नहीं मिलती थी, लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है, वैसे-वैसे ट्रेन, प्लेटफॉर्म, इंजन में भी बदलाव किए जा रहे हैं।
भारतीय रेलवे द्वारा समय-समय पर यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नियमों में बदलाव किए जाते हैं, जिसका सीधा फायदा यात्रियों को होता है। आज के आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे ट्रेन के बारे में बताएंगे, जिसमें लंगर की सुविधा उपलब्ध है। अगर आप इस ट्रेन में सफर करते हैं, तो आप थाली और कटोरा लेकर जा सकते हैं।

फ्री में मिलता है भोजन
ट्रेन में सफर के दौरान लोगों को बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। यात्रियों को बैठे-बैठे ही भोजन मिल जाता है। रेलवे की इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) में अलग से साइट बनाई है, जिस पर जाकर यात्री अपनी पसंद के अनुसार ऑनलाइन खाना ऑर्डर कर सकते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी ट्रेन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें फ्री में भरपेट भोजन मिलता है।
अमृतसर-नांदेड़ सचखंड एक्सप्रेस (Amritsar – Nanded Sachkhand Express)
दरअसल, इस ट्रेन का नाम अमृतसर-नांदेड़ सचखंड एक्सप्रेस है, जिसमें पिछले 29 सालों से यात्रियों को फ्री में खाना खिलाया जा रहा है। यदि आप इस ट्रेन से सफर कर रहे हैं, तो आपको भोजन ले जाने की जरूरत नहीं है। इस ट्रेन में पेंट्री कार भी है, लेकिन यहां पर खाना नहीं बनता। बता दें कि 2081 किलोमीटर के सफर में ट्रेन 39 स्टेशनों पर रुकती हुई अपनी गंतव्य तक पहुंचती है। इस दौरान 6 स्टेशन पर यात्रियों के लिए लंगर लगता है। ट्रेन इस हिसाब से उन्हीं स्टेशनों पर रूकती है, जहां लोग आसानी और आराम से लंगर में खाना खा सके।
इनमें नई दिल्ली और डबरा रेलवे स्टेशन शामिल है, जहां दोनों तरफ से कर सचखंड एक्सप्रेस में लंगर लगता है। इस ट्रेन में सफर करने वाले सभी यात्री अपने बर्तन लेकर आते हैं। जनरल से लेकर एसी कोच तक के यात्री बर्तन लेकर स्टेशन पर आते हैं और फ्री में भरपेट भोजन करते हैं।
रोज बदलता है मेनू
बता दें कि इस ट्रेन के लिए लंगर का मेनू भी रोज बदलता रहता है। ज्यादातर कढ़ी-चावल, छोले-चावल, दाल, खिचड़ी, आलू-गोभी की सब्जी, सेब भाजी, साग-भाजी, सीजनल सब्जी, आदि मिलती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते 29 सालों में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब यात्रियों को खाना ना खिलाया गया हो। यदि किसी कारण ट्रेन लेट होती है, तो सेवादार वहां ट्रेन का इंतजार करते हैं। लगभग 2000 से भी अधिक लोग रोजाना खाना खाते हैं। जिसका खर्च गुरुद्वारा को मिलने वाले दान से निकलता है।