भारत का एकमात्र गांव, जहां इंटरनेट आज भी है सपना, ऑनलाइन क्लास के लिए पहाड़ चढ़ते हैं छात्र!

इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन की 2013 की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में लगभग 2.6 बिलियन लोग अभी भी ऐसे हैं, जो इंटरनेट की सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।

आजकल इंटरनेट का जमाना है। ऐसे में लोग बिना इसके कोई भी काम नहीं कर पाते हैं। इसके जरिए लोग घर बैठे एक दूसरे से कनेक्ट हो जाते हैं। एक दूसरे का हाल-चाल जान लेते हैं। एक दूसरे के पास घर बैठे डॉक्यूमेंट और फाइल शेयर कर लेते हैं। लोगों के जीवन का यह एक अहम हिस्सा बन चुका है। रोजमर्रा की कमाई कर रहे लोग भी इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। जिस तरह इंटरनेट ने लोगों को अपनी जगह में ले लिया है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि अब की हालत में बिना इंटरनेट के लोगों का क्या होगा। ग्लोबल मार्केट से लेकर सभी कार्य इंटरनेट पर ही निर्भर है।

आज हम आपको भारत के उस इकलौते गांव से रूबरू करवाएंगे, जहां आज भी लोग इंटरनेट सेवा उपयोग करने की राह देख रहे हैं। जी हां! आपको यह सुनकर हैरानी जरूर हो रही होगी, लेकिन यह एकदम सच है।

किब्बर गांव

दरअसल, इस गांव का नाम किब्बर है जो कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में स्थित है, जहां आज भी इंटरनेट की सेवा उपलब्ध नहीं है। 14 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर बसा यह गांव देखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत है, लेकिन यहां के लोग आज भी डिजिटल किसी से भी कनेक्ट नहीं हैं। यहां के बच्चे ऐसी चोटियों पर जाते हैं, जहां मोबाइल सिग्नल आता है, ताकि वह होमवर्क डाउनलोड कर सके और अपने असाइनमेंट को भेज सके।

लोगों को होती है परेशानी

आज के समय में शिक्षा से लेकर पढ़ाई-लिखाई सब कुछ ऑनलाइन हो चुका है। ऐसे में यहां के लोगों को और छात्रों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऑनलाइन क्लास करने या फिर कोई फॉर्म भरने के लिए इन्हें कई किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। लोग यहां पर घूमने आते हैं, लेकिन यहां के लोगों के लिए इंटरनेट की कमी इन्हें कई वर्ष पीछे धकेल दी है। यहां ना कोई व्हाट्सएप चलाता है और ना ही इंस्टाग्राम की रील देखता है।

इंटरनेट की दुनिया से बेखबर

इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन की 2013 की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में लगभग 2.6 बिलियन लोग अभी भी ऐसे हैं, जो इंटरनेट की सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। अक्सर ऐसे लोग पहाड़, रेगिस्तान या फिर घने जंगलों में बसे हैं। ऐसी जगह पर स्मार्टफोन भी बहुत ही काम देखने को मिलते हैं। एक तरफ जहां दुनिया तेजी से डिजिटाइजेशन हो रही है, ऐसे में इस गांव के लोग अभी भी इंटरनेट की दुनिया से बेखबर है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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