भारत का एकमात्र गांव, जहां महिलाएं कर सकती हैं 4 शादियां! पति टोपी से देते हैं संकेत

भारत के इस गांव में महिलाएं 4 शादी कर सकती है। यहां पति के साथ शादी के दौरान फेरे नहीं लिए जाते हैं। इसके अलावा, यह गांव देश का आखिरी गांव भी माना गया है।

भारत में सभी गांव की अपनी अलग-अलग पहचान और वहां की अलग-अलग परंपराएं हैं, जो इन्हें बाकी सभी गांव से अलग बनाती है। घूमने फिरने का शौक रखने वाले लोग अक्सर विलेज टूरिज्म की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। आज हम आपको ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां की परंपरा बहुत अलग है। इसे सुनकर अमूमन सभी कोई आश्चर्य पड़ जाता है।

भारत के इस गांव में महिलाएं 4 शादी कर सकती है। यहां पति के साथ शादी के दौरान फेरे नहीं लिए जाते हैं। इसके अलावा, यह गांव देश का आखिरी गांव भी माना गया है।

छितकुल गांव (Chitkul Village)

दरअसल, इस गांव का नाम छितकुल है, जो कि हिमाचल प्रदेश के सांगला से 28 किलोमीटर दूर है। दावा किया जाता है कि यहां पर महिलाओं को आजादी है कि वह 4 शादियां कर सकती है। जिसे लेकर कोई रोक-टोक नहीं है। सदियों से चली आ रही गांव की अब परंपरा पुरानी है। यह सुनकर आपको आश्चर्य हो रहा होगा, क्योंकि कानून में महिला हो या पुरुष किसी को भी वैधानिक तौर पर दूसरी शादी करने की भी अनुमति नहीं है, लेकिन इस गांव में एक महिला कर शादी कर सकती है। हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स ने इस परंपरा को झूठ भी बताया है।

नहीं लिए जाते 7 फेरे

छितकुल गांव की परंपरा के अनुसार महिलाएं कर शादी तो कर सकती है, लेकिन शादी में सात फेरे नहीं लिए जाते, बल्कि बलि दी जाती है। ऐसे में पति-पत्नी जब एकांत में रहना चाहते हैं, तो वह पति अपनी टोपी कमरे के बाहर छोड़ देते हैं, ताकि दूसरा पति दखल ना दे। यह सुनने में काफी अजीब है, लेकिन यह बिल्कुल सच है। यहां सभी महिलाओं मर्जी से शादी करने की आजादी होती है। परंपरा के अनुसार, इन्हें कानूनन कोई सजा भी नहीं दे सकता है। इस चीज से गांव में या किसी पति को आपत्ति भी नहीं होती है।

भारत का आखिरी गांव

बता दें कि इस गांव का रहन-सहन, खान-पान, पहनावा-उढ़ावा और संस्कृति काफी अलग है। यहां के लोग बहुत ही कम संसाधन में भी खुश रहते हैं। पहाड़ की वादियों में बसा यह गांव पर्यटकों की पहली पसंद भी बन रहा है। मिलनसार होने के साथ-साथ स्थानीय लोग यहां आने वाले मेहमानों का दिल से स्वागत करते हैं। हिमाचल प्रदेश के छितकुल गांव को आखिरी गांव भी कहा जाता है। यदि आप देश का आखिरी बस स्टैंड, आखिरी पोस्ट ऑफिस, आखिरी स्कूल देखना चाहते हैं, तो आप यहां पर अवश्य जा सकते हैं। करीब से यहां की परंपरा को जानने के लिए पैदल इस गांव की सैर कर सकते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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