नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। राजस्थान के पाली जिले में एसडीएम का देर रात सरकारी स्कूल टीचर के घर आना, दोनों को काफी महंगा पड़ गया। सरकार ने मारवाड़ जंक्शन के एसडीएम अजय अमरावत को सिविल सेवा (आचरण) का दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया है वहीं महिला टीचर भी इससे नहीं बच पाई।
इससे पहले भी मारवाड़ जक्शन के गुड़ा मोकमसिंह में रहने वाली एक महिला टीचर के घर एसडीएम अजय अमरावत के निरंतर आने की चर्चाएं थी। लेकिन दोनों पक्ष इसको लेकर चुप्पी साधे हुए थे।
इस कहानी में नया मोड़ तब आया जब अजय सोमवार को चुपचाप अपनी कार से उतरकर महिला के घर में घुसे तो उनकी ताक में बैठे ग्रामीणों ने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया और बाहर खड़ी उनकी गाड़ी की भी हवा निकाल दी।
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इसके बाद सुबह टीचर ने घर के बाहर बैठे गांववालों को दरवाजा खोलने के लिए धमकाया और जब गांववाले नहीं माने तो उसने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी। ग्रामीणों ने दरवाजा खोला तो महिला शिक्षक घर में कोई नहीं है कहकर स्कूल चली गई। इसके बावजूद ग्रामीण महिला टीचर के घर के आगे से नहीं हिले और एसडीएम करीब 16 घंटे तक महिला टीचर के घर में बंद रहे।
फिर दोपहर को जोजावर थाना पुलिस सादी वर्दी में मौके पर पहुंची और एसडीएम को अपने साथ ले गई। इस दौरान एसडीएम मुंह पर रूमाल बांधे नजर आए थे।
इस पूरे मामले का वीडियो वायरल होने बाद शिक्षा विभाग के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शंकर सिंह उदावत ने एक आदेश जारी कर टीचर को एपीओ कर दिया और उन्हें मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थिति देने का भी आदेश जारी किया है।
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उधर, एसडीएम के प्रति प्रशासन थोड़ा नर्म नजर आया, लेकिन मारवाड़ जक्शन के पूर्व विधायक केसाराम चौधरी ने जिला प्रशासन के नाम एक अपील जारी करते हुए कहा कि एसडीएम को तुरंत हटाया जाए, नहीं तो 15 अगस्त का झंडा उसे नहीं फहराने देंगे। इसके बाद कार्मिक विभाग ने आदेश जारी करते हुए एसडीएम मारवाड़ जंक्शन अजय अमरावत को राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) का दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया।