अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस : बेहद खास थीम के साथ मनाया जा रहा आज ..

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खास खबर, गौरव शर्मा। एक बार अपने संबोधन में स्वामी विवेकानन्द ने युवा शक्ति को संबोधित करते हुए कहा था कि- ‘समस्त शक्तियां तुम्हारे अन्दर हैं, तुम कुछ भी कर सकते हो और सब कुछ कर सकते हो, यह विश्वास करो। मत विश्वास करो कि तुम दुर्बल हो। तत्पर हो जाओ। जीर्ण-जीर्ण होकर थोड़ा-थोड़ा कर मरने की बजाय वीर की तरह दूसरों के कल्याण के लिए लड़ कर उसी समय मर जाना क्या अच्छा नहीं है?’’ स्वामी जी के इन शब्दों को पढ़कर साफ तौर पर कहा जा सकता है कि किसी भी देश की प्रगति और देश के कल्याण के लिए युवाओं का सशक्त होना बेहद जरूरी है। अगर ऐसा होता है तो किसी भी देश की समृद्धि एवं प्रगति निश्चित है। और जब सभी देश समृद्धि और प्रगति की राह पर आगे बढ़ेंगे तो पूरा विश्व वसुदैवकुटुंबकम की राह पर एक परिवार एक समाज की तरह शांति से रह सकेगा।

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पहली बार कब और क्यूं मनाया गया?

बदलते वैश्विक परिवेश और लगातार बढ़ती चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए 12 अगस्त वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया। विश्व के सभी युवाओं को यह दिन समर्पित कर संयुक्त राष्ट्र ने इस खास दिन के माध्यम से उनके सामने आने वाली वैश्विक परेशानियों और चुनौतियों से न केवल अवगत कराया, बल्कि विश्व के सतत विकास के लिए और चुनौतियों से लड़ने के लिए युवाओं के महत्तपूर्ण योगदान देने की जरूरत और उन्हें जागरूक होने की जानकारी भी दी। युवाओं को जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र आज के दिन विश्वभर में कार्यशालाएं, संगीत कार्यक्रम, सम्मेलन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार आदि आयोजित करता है।

राष्ट्रीय युवा दिवस 2021, थीम और महत्व।

हर वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा युवा दिवस एक थीम के अंर्तगत मनाया जाता है। आपको बता दें इस वर्ष की थीम है “”ट्रांसफ़ॉर्मिंग फ़ूड सिस्टम्स: यूथ इनोवेशन फ़ॉर ह्यूमन एंड प्लैनेटरी हेल्थ।”, जिसका मतलब है की इंसान और पृथ्वी के बेहतर स्वास्थ के लिए युवाओं को परिवर्तन लाना होगा, और यह परिवर्तन सबसे पहले भोजन प्रणाली में करना होगा।आपको बता दें ECOSOC Youth Forum 2021 ने इस भोजन प्रणाली के इस मुद्दे को विश्व के सामने लाने की कोशिश की थी, EYF के अनुसार कोरोना महामारी के बाद चाहे इंसान हो या पर्यावरण या भोजन प्रणाली सभी बुरी तरीके से प्रभवित हुए हैं जिसके बाद विश्वभर को एक साम्यक भोजन प्रणाली की अवश्यकता है।UN ने अपने स्टेटमेंट में यह भी बताया कि अब हमें एक समावेशी समर्थन तंत्र की जरूरत है जिसमे विश्वभर के युवा अकेले या एक साथ होकर पृथ्वी के जीव जंतुओं की जीवन की रक्षा के लिए, जैव विविधता की सुरक्षा के लिए भोजन प्रणाली में परिवर्तन लाने का अथक प्रयास करें।


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Harpreet Kaur

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