Haridwar में है कांच का अनोखा मंदिर, मूर्ति से लेकर दीवार सब कुछ खूबसूरती से किया गया है तैयार

हरिद्वार को सबसे ज्यादा हर की पौड़ी और गंगा स्नान के लिए पहचाना जाता है। चलिए आज हम आपको यहां के खूबसूरत कांच मंदिर के बारे में बताते हैं जिसका दीदार आपको जरूर करना चाहिए।

Diksha Bhanupriy
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Haridwar Kanch Mandir: हरिद्वार धार्मिक नगरी के तौर पर पहचाना जाता है और यहां अधिकतर लोग गंगा स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। यहां पर कुंभ मेले का आयोजन भी होता है जिसमें देश और दुनिया से लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। हरिद्वार में घूमने के लिए कई सारे स्थान मौजूद हैं और यहां हर समय लोगों की भीड़ बनी रहती है। वैसे जब भी लोग यहां पर आते हैं एक-दो दिन रुकते हैं गंगा स्नान करते हैं मंदिरों के दर्शन करते हैं और वापस चले जाते हैं।

अपने हरिद्वार के कई मंदिरों के बारे में सुना होगा और जो लोग यहां गए हैं, उन्होंने इन मंदिरों का दीदार भी किया होगा। लेकिन आज हम आपके यहां के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं जिसे एक बार आपको जरुर देखना चाहिए। यहां पर एक बहुत ही सुंदर कांच का मंदिर है जो पूरी तरह से कांच से बनाया गया है चलिए आज आपको इसके बारे में बताते हैं।

कांच से बना है मंदिर

कांच का यह मंदिर हरिद्वार के सबसे फेमस मंदिरों में से एक है। यह हर की पौड़ी से 2 किलोमीटर दूर मौजूद है। आपने कहीं मंदिर देखे होंगे लेकिन जब आप इस मंदिर में जाएंगे तो यहां पर मूर्ति हो या फिर दीवार सब पर आपको कांच की कारीगरी दिखाई देगी। यह अलग-अलग तरह की कलाकृतियों से तैयार किया गया है। कहीं पर शिव पार्वती की आकृति दिखाई देती है तो कहीं पर महाभारत के दृश्य अद्भुत तरीके से बनाए गए हैं।

नजर आएंगे महाभारत के प्रसंग

जब आप इस मंदिर का दीदार करेंगे तो यहां आपको महाभारत से लेकर रामायण तक की प्रसंग दिखाई देंगे। कहीं सीता स्वयंवर है तो कहीं कृष्ण और अर्जुन रणभूमि में दिखाई दे रहे हैं। सब कुछ कहां से तैयार किया गया है जो देखने में बहुत ही अद्भुत लगता है।

कब हुआ निर्माण

हरिद्वार के इस खूबसूरत कांच मंदिर का निर्माण 1970 में किया गया था। यहां पर जो मूर्ति है उनके आसपास कांच लगाकर सजाया गया है। मूर्तियों को देखने के दौरान आप खुद को भी देख सकते हैं। यहां पर साधु संतों के लिए विशेष तौर पर इंतजाम किए जाते हैं।

कब जाएं मंदिर

अगर आप हरिद्वार के इस कांच मंदिर को देखना चाहते हैं तो सुबह 6 बजे से लेकर रात 10 बजे तक यहां कभी भी जा सकते हैं। सर्दियों के मौसम में इसका समय सुबह 7:00 से रात 9:00 बजे तक हो जाता है।

अगर आप इस मंदिर के दर्शन करने जाना चाहते हैं तो हर की पौड़ी से यह सिर्फ 15 मिनट की दूरी पर मौजूद है। जहां आप आराम से ऑटो रिक्शा की सहायता से पहुंच सकते हैं।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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