नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। Thiomargarita magnifica अब तक जितने भी बैक्टीरिया की खोज हुई है उन्हे सिर्फ माइक्रोस्कोप की मदद से ही देखा जा सकता है। लेकिन हाल ही में खोजे गए इस बैक्टीरिया को हम सीधे अपनी आंखो से देख सकते हैं, जिसको देखने के लिए किसी माइक्रोस्कोप की आवश्यकता नहीं है।
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कैरेबिया के जंगलों में हुई खोज
वैज्ञानिकों की टीम ने इस बैक्टीरिया की खोज कैरेबिया दलदली जंगल में की है। इस बैक्टीरिया का आकार लगभग मनुष्य की पलक के बाल के बराबर है। खोजकर्ता को यह मैंग्रोव के पत्ते से लिपटा हुआ सफेद फिलामेंट में मिला। उन्होंने कहा इसका इस तरह मिलना मेरे लिए बड़े आश्चर्य की बात है। इस जीवाणु की खोज से वैज्ञानिकों को प्राचीन जीवन के सबूत मिल सकते है। आगे इसकी जांच में पता चलेगा की यह कब से पृथ्वी पर जीवित है।
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शोध में यह पता चला
वैज्ञानिकों ने गुरूवार को इसके बारे बताया कि यह Thiomargarita magnifica की विशेष आकार का नहीं है, वैज्ञानिकों ने यह पाया कि इसकी अंदरूनी बनावट भी अन्य सभी जीवाणुओं से भिन्न है। एक साधारण बैक्टीरिया आमतौर पर 1 से 5 माइक्रोमीटर की लंबाई का होता है, लेकिन थियोमार्गरीटा इससे 10000 माइक्रोमीटर लंबा है। यह बैक्टीरिया वैज्ञानिकों के अंदाज से भी ज्यादा बड़ा पाया गया।
बाकी बैक्टीरियाओं का डीएनए कोशिकाओं में तैरते हुए पाया जाता है, किंतु अभी खोजे गए जिवाणु का डीएनए झिल्लियां के अंदर पाया गया है। यह बात इसे और जीवाणुओं से अलग बनाती है।
लम्बे समय से चल रही है खोज
ज्याॅं-मारी वोलांद का कहना है कि अभी खोजा गया जिवाणु अब तक खोजे गए जिवाणुओं से लगभग 1 हजार गुना ज्यादा बड़ा है। शोध में यह बैक्टीरिया कैरेबियन सागर में कई जगह पाया गया है। इस बैक्टीरिया की खोज यह सिद्ध करती है कि पृथ्वी पर अनेक प्रकार के जीव मौजूद है वह अद्भुत रहस्य आज भी हमसे छुपे हुए है।