भारत का हर एक जिला, शहर और गांव अलग-अलग महत्व व इतिहास के लिए जाना जाता है। पूरब से लेकर पश्चिम तक… उत्तर से लेकर दक्षिण तक… इनकी खासियत पूरी दुनिया भर में गूंजती है। देश की राजधानी दिल्ली भी अपने आप में ऐतिहासिक शहर है, जहां रेलवे स्टेशन से लेकर मेट्रो… कैब से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनी… लोगों के रहने और जीने खाने का सहारा है। यहां एक से बढ़कर एक लग्जरी और सस्ते मार्केट उपलब्ध है, जहां दिन भर लोगों की भीड़ देखने को मिलती है। सभी राजनीतिक कार्यक्रम दिल्ली शहर में ही होते हैं। इसके अलावा, भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, भारत का सबसे बड़ा मार्केट, भारत का सबसे सस्ता मार्केट, भारत की सबसे बड़ी मेट्रो नेटवर्क इसी शहर में मौजूद है।
पिछले आर्टिकल में हम आपको देश में स्थित विभिन्न शहरों से रूबरू करवा चुके हैं, जो अपनी अलग-अलग खासियत के लिए जाने जाते हैं। इनका इतिहास काफी अलग और रोचक है। आज के आर्टिकल में हम आपको उस जिला से रूबरू करवाएंगे, जिसे छोटी दिल्ली के नाम से जाना जाता है।

छोटी दिल्ली
भारत में स्थित यह जिला सुविधाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर में देश की राजधानी से कम नहीं है। इसलिए इसे छोटी दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर्यटन में भी काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए इस जिले का नाम जानना जरूरी है। अक्सर ऐसे प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। वहीं, सामान्य ज्ञान के लिहाज से भी इसका जवाब पता होना जरूरी है।
गाजियाबाद जिला (Ghaziabad District)
दरअसल, भारत में स्थित गाजियाबाद जिला को छोटी दिल्ली के रूप में जाना जाता है, जो कि दिल्ली की सीमा से ही सटा हुआ है और यह उत्तर प्रदेश में स्थित है। यहां दिल्ली की तरह ही तमाम सुविधाएं लोगों को मिलती है। यहां पर बड़े से बड़ा बाजार और हाई राइजर बिल्डिंग है। इसलिए लोग इसे छोटी दिल्ली भी कहते हैं। यहां पर बहुत सारी कंपनियां मौजूद है। इसके अलावा, औद्योगिक क्षेत्र से हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। दिल्ली से बड़ी संख्या में लोग गाजियाबाद की तरफ रुख कर रहे हैं।
इतिहास
दिल्ली से सटे होने के कारण इसे गेटवे टू यूपी भी कहा जाता है। यहां एक तरफ इंडस्ट्रियल एरिया है, तो दूसरी तरफ इंदिरापुरम जैसे हाई राइस सोसायटी कॉलोनी स्थित है। यहां से थोड़ा आगे जाने पर नर और खेत खलियान देखने को मिलेंगे। इस शहर की स्थापना वजीर गाजीउद्दीन ने की थी। जिस कारण इस शहर का नाम गाजियाबाद रखा गया। इतिहास की बात करें तो यहां मुगल बादशाह अहमद शाह का शासन था। बहुत साल पहले यह मेरठ का हिस्सा हुआ करता था। 14 नवंबर 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने अलग जिला घोषित कर दिया। यहां आपको मुगल शासन की झलक भी देखने को मिलेगी।
जाएं घूमने
यदि आपको कभी गाजियाबाद जाने का मौका मिले, तो आप यहां डासना गेट, दिल्ली गेट, जवाहर गेट और सिहरी गेट से अवश्य गुजरे, जहां आपको मुगल काल की याद आएगी। शेहरों के बीचों बीच गजिउद्दीन की बहुत पुरानी हवेली है। हालांकि, वर्तमान में इसकी हालत बिल्कुल झज्जर हो चुकी है। इसके अलावा, आप यहां पर इस्कॉन मंदिर, शिप्रा मॉल, डिज्नीलैंड वाटर सिटी फॉरेस्ट के अलावा लक्ष्मी नारायण मंदिर घूम सकते हैं।