भारत में रेलवे का इतिहास बहुत अधिक पुराना रहा है। यहां देश के हर कोने के लिए रोजाना करीब 1200 से भी अधिक ट्रेनें संचालित की जाती हैं। इसे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटर्वक माना जाता है। शुरुआती दिनों में इसे केवल माल ढोने के लिए संचालित किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे इसका विस्तार किया गया और यह यात्रियों के लिए आरामदायक व किफायती माध्यम बन गया। इसमें हर वर्ग के लोग सफर करते हैं। इस दौरान ट्रेन कई शहरों व गांवों से होकर गुजरती है, तब यात्रियों को भी तरह-तरह के लोगों से मिलने का मौका मिलता है। साथ ही स्थानीय परंपरा, खान-पान, वेषभूषा, बोली आदि से रूबरू होते हैं। यह सबसे सस्ता और आरामदायक माध्यम माना जाता है, जिसमें हर वर्ग के लोग सफर करते हैं।
भारतीय रेलवे द्वारा आए दिन अपने यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए नियमों में तरह-तरह के बदलाव किए जाते हैं। जिससे उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो। खास सीजन में स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती है, क्योंकि ऐसे में लोगों की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलती है।

सबसे ज्यादा हुई डिले
आज के आर्टिकल में हम आपको उस ट्रेन के बारे में बताएंगे, जो सबसे ज्यादा लेट होती है। केवल इतनी ही नहीं, लेट होने में इस ट्रेन ने वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है। हालांकि, भारत में ट्रेन का लेट होना आम बात है। यहां अक्सर ट्रेनें 3 से 4 घंटे, कई बार तो 14 से 15 घंटे भी लेट हो जाती हैं, लेकिन भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली यह ट्रेन सबसे ज्यादा डिले हुई है। इसका रिकॉर्ड आजतक कोई भी तोड़ नहीं सका है। इससे सैंकड़ों यात्रियों को नुकसान हुआ था। इसके साथ ही रेलवे को भी इसका नुकसान उठाना पड़ा था। इतने घंटे लेट होने के बाद ट्रेन को रद्द करना पड़ा था, तब जाकर वापस सब शेड्यूल में आ पाया था।
कोटा-पटना एक्सप्रेस (Kota-Patna Express)
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस ट्रेन का नाम कोटा-पटना एक्सप्रेस है। जिसकी ट्रेन संख्या 13228 है। बता दें कि यह ट्रेन 15 घंटे नहीं, 20 घंटे नहीं, बल्कि 72 घंटे से अधिक की देरी से अपने गंतव्य तक पहुंची थी। इससे पहले यदि रेलवे के आंकड़ों को देखा जाए तो उसके अनुसार, महानंदा एक्सप्रेस इससे पहले ऐसी ट्रेन थी, जिसने अपना सफर 71 घंटे में पूरा किया था। रेलवे को देश की लाइफलाइन कहे जाने के बाद ट्रेन का इतना लेट होना बहुत ही गंभीर विषय है। इस दौरान यात्रियों को सबसे अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।