ये है भारत की सबसे लंबी नदी, जहां डुबकी से मिलती है मुक्ति!

इससे पहले हम आपको उस राज्य के बारे में बता चुके हैं, जिसे नदियों का मायका कहा जाता है, लेकिन आज हम आपको उस नदी के बारे में बताएंगे जो भारत सहित उत्तर प्रदेश की भी सबसे लंबी नदी मानी जाती है।

भारत में नदियों का अपना अलग स्थान है। सभी नदियों का अलग-अलग महत्व है। कुछ नदी लंबाई-चौड़ाई में काफी बड़ी होती हैं, तो कुछ नदियां ऐसी भी है, जो बहुत ही छोटी होती है। हमारे देश में नदी को देवी का स्थान दिया गया है और उनकी विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना भी की जाती है। यहां एक से बढ़कर एक पवित्र नदियां बहती हैं, जहां खास अवसर पर भारी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं। यहां वह उसे नदी में स्नान करते हैं और डुबकी लगाकर अपने सारे पाप धुलते हैं। भारत की कुछ प्रसिद्ध नदियों में गंगा, जमुना, सरस्वती, नर्मदा, आदि शामिल है।

सनातन धर्म की बात करें, तो इसमें ज्योतिष शास्त्रों द्वारा नदियों को लेकर बहुत सारे महत्व बताए गए हैं। जिनकी अपनी अलग-अलग कथा है। इसके अलावा, सभी नदियों का एक उद्गम स्थल भी होता है। इससे पहले हम आपको उस राज्य के बारे में बता चुके हैं, जिसे नदियों का मायका कहा जाता है, लेकिन आज हम आपको उस नदी के बारे में बताएंगे जो भारत सहित उत्तर प्रदेश की भी सबसे लंबी नदी मानी जाती है।

इतना लंबा सफर करती है तय

दरअसल, इस नदी का नाम गंगा है, जिसकी कुल लंबाई 2525 किलोमीटर है, जो कि अकेले यूपी में 1450 किलोमीटर का सफर तय करती है। यह भारत में सबसे पवित्र नदी मानी गई है, जो कि लोगों की आस्था का केंद्र भी है। यह नदी हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी तक का सफर तय करती है। इस दौरान यह 5 राज्यों से होकर गुजरती है, जिनमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल है। जिसका उद्गम स्थल उत्तराखंड में स्थित हिमालय की चोटी गंगोत्री के गोमुख है। अकेले भारत में गंगा बेसिन लगभग 8.6 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसकी सहायक नदियों में रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी और महानंदा शामिल है। इसके अलावा, यमुना भी सबसे लंबी सहायक नदी है।

इन स्थानों से होकर गुजरती है नदी

उत्तराखंड के पहाड़ों से होते हुए यह नदी ऋषिकेश में बहती है। इसके बाद हरिद्वार में गंगा पहली बार मैदानी इलाकों को स्पर्श करती है। फिर यह उत्तर प्रदेश में नर्रोरा, फरूखाबाद, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर से होकर बहती है। इसके बाद बिहार में चौसा, बक्सर, पटना, मुंगेर, सुल्तानगंज, भागलपुर और मिर्जाचौकी से होते झारखंड में यह नदी साहिबगंज, महाराजपुर, राजमहल होते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है, जहां यह फरक्का, रामपुर हाट, जंगीपुर, मुर्शिदाबाद, कोलकाता व गंगा सागर जैसी जगहों से होते हुए बहती है और आखिरी में बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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