नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आगामी चुनावों से पहले देशभर में दलबदल का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में अब भाकपा नेता और जेएनयू (JNU) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई है। संभावना जताई जा रही है कि महीने के आखरी में 28 सितंबर 2021 को दोनों नेता कांग्रेस का हाथ थाम सकते है।
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दरअसल, बीते दिनों जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की थी। वे करीब 3 बार राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (prashant kishor) के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी (rahul gandhi) से मुलाकात कर चुके हैं। इसके बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है।इसके साथ ही प्रशांत किशोर को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे भी जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
कन्हैया कुमार पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के बड़े आलोचकों में गिना जाता है, ऐसे में बिहार कांग्रेस में कन्हैया कुमार की मौजूदगी पार्टी को मजबूत मिलेगी और भाजपा को नुकसान भी हो सकता है। वही सुत्रों की मानें तो गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी (Gujrat MLA Jignesh Mevani ) भी लंबे समय से कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क में हैं। इसका उदाहरण पिछले विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था, जब उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले की वडगाम सीट से उम्मीदवार नहीं उतारकर मेवाणी की मदद की थी।
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सूत्रों की मानें तो गुजरात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इन दोनों युवा नेताओं और कांग्रेस के नेतृत्व के बीच बातचीत की मध्यस्थता कर रहे हैं । पंजाब कांग्रेस में उठा सियासी बवाल थमते ही अगले हफ्ते में 28 सितंबर 2021 को शहीद भगत सिंह की जयंती पर कन्हैया और जिग्नेश कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। अगर दोनों नेता कांग्रेस का दामन थामने है तो भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।नतीजा आगामी चुनावों में गुजरात और बिहार में कांग्रेस अपना पक्ष मजबूत करने में कामयाब होगी।