City Of Joy: भारत विविधताओं से भरा हुआ एक ऐसा देश है जहां विभिन्न संस्कृतियों, धर्म और परंपराओं का समागम देखने के लिए मिलता है। यहां के हर राज्य के हर शहर की अपनी अलग विशेषता है जो उसे और उसे अलग बनाती है।
कोई शहर अपने धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के चलते पहचाना जाता है।। तो कुछ खान पीन, वेशभूषा और भाषा के आधार पर प्रसिद्ध है। लेकिन जब बात खुशियों की आती है तो भारत में एक ऐसा शहर भी मौजूद है जिसे खुशियों का शहर कहा जाता है। अब भला जीवन में खुशी और आनंद से रहना किसे पसंद नहीं होता।
अगर आप भी अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से बाहर निकल कर कुछ सुकून के पल ढूंढ रहे हैं। साथ ही किसी ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं जहां जाने के बाद आपको खुशियों का एहसास होने लगे तो आज हम आपको भारत के इस खुशियों के शहर से रूबरू करवाते हैं।
ये है खुशियों का शहर
भारत के अलग-अलग शहरों की अपनी इसमें किसी विशेषता के चलते अलग पहचान है। लेकिन पश्चिम बंगाल राज्य में मौजूद कोलकाता एक ऐसी खूबसूरत जगह है, जो किसी को भी दीवाना बना सकती है। बात चाहे यहां की संस्कृति, भाषा, पहनावे, खाने या फिर पर्यटन स्थलों की की जाए। सब कुछ इतना शानदार है कि व्यक्ति का मन प्रसन्न हो जाता है।
कैसे पड़ा नाम सिटी ऑफ जॉय
कोलकाता की खूबसूरती और संस्कृति का वर्णन कई लेखकों ने अपनी पुस्तक में किया है। यहां की विरासत पर सिटी ऑफ जॉय नामक एक नॉवेल में काफी चीजें दी गई है। इस नॉवेल पर 1992 में एक फिल्म भी बनी थी, जिसमें शबाना आजमी, ओम पुरी और पैट्रिक वेज ने शानदार किरदार निभाया था।
इस शहर को खुशियों का शहर कहे जाने की वजह यहां की संस्कृति, साहित्य, इतिहास, खानपान और त्योहारों को लेकर यहां के लोगों के मन में रहने वाला उत्साह है। यहां का दुर्गा पूजा पर्व देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है और अलग-अलग कोने से लोग इसे देखने के लिए पहुंचते हैं। दुर्गा पूजा के लिए कोलकाता के लोगों में विशेष उत्साह देखने को मिलता है।
क्या है खास
कोलकाता की खासियत की बात करें तो यहां पर कई ऐसी चीजें हैं, जहां आप घूमने फिरने के लिए जा सकते हैं। यहां का विक्टोरिया मेमोरियल एक ऐसी जगह है जहां पर आपको अंग्रेजों के समय की पेंटिंग और हथियार समेत अन्य सामान देखने के लिए मिल जाएंगे। इसके अलावा अरमेनियन चर्च, बड़ा संग्रहालय, महान कवि और नोबेल विजेता रविंद्र नाथ टैगोर का घर, विलियम का किला और प्रिंसेप घाट जैसी जगह देखने को मिलेगी।
कोलकाता का इतिहास
कोलकाता के इतिहास की बात करें तो पहले इसे कलकत्ता के नाम से पहचाना जाता था और इसका विकास ब्रिटिश शासन काल में किया गया था। 1911 तक या अंग्रेजी हुकूमत के दौरान राजधानी रहा लेकिन बाद में दिल्ली को राजधानी बना दिया गया। ब्रिटिश शासन काल से पहले यहां पर बंगाल सल्तनत का शासन चलता था।