Bells Ring in This River of India : भारत में एक से बढ़कर एक रहस्यमई चीजे हैं, जो अपने साथ इतिहास और संस्कृति समेटे हुए है। भारत के विभिन्न स्थान पूरे विश्व भर में जाने जाते हैं। यहां एक से बढ़कर एक नदी, झील-झरने, तालाब आदि है, जिन्हें देखने के लिए पर्यटक दूर दराज से अपने फैमिली, फ्रेंड्स या फिर पार्टनर के साथ पहुंचते हैं। भारत में नदी को देवी का स्थान दिया गया है। यहां एक से बढ़कर एक पवित्र नदियां बहती हैं, जहां लोग किसी खास अवसर पर डुबकी लगाकर स्नान करते हैं और विधि-विधान पूर्वक उनकी पूजा अर्चना भी करते हैं। सनातन धर्म में नदियों को लेकर काफी महत्व बताए गए हैं। हर नदी की अपनी अलग-अलग कथा है, जिसका एक उद्गम स्थल भी होता है।
ऐसे में आज हम आपको भारत की उस नदी के बारे में बताएंगे, जहां घुंघरू बजते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लोग इसके आसपास जाने से भी डरते हैं। इसे लेकर कथा भी प्रचलित है। वैसे तो हमारे देश में नदियों की पूजा की जाती है, जिसे लेकर तरह-तरह की मान्यताएं भी प्रचलित है। ऐसी ही एक नदी भारत में बहती है, जिसकी कहानी काफी अलग और दिलचस्प है। आलम यह है कि लोग यहां जाने से भी कतराते हैं।

तीस्ता नदी (Teesta River)
दरअसल, इस नदी का नाम तीस्ता है, जो दार्जिलिंग और बंगाल के हिस्से में बहती है। यहां लोग इसे घुंघरू बजाने वाली नदी भी कहते हैं। इस नदी को लेकर ऐसी मान्यता है कि शाम ढलते ही नदी के आसपास से घुंघरू की आवाज आने लगती है। इस कारण लोग आसपास जाने से भी डरते हैं। इसका नाम सुनते ही थरथर कांपने लगते हैं। इसका उद्गम स्थल सिक्किम में हिमालय के पौहुनरी पर्वत को माना जाता है। सालों पहले इसे लेकर विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो गई थी।
मान्यता
एक लोककथा के अनुसार, गांव के जमींदार की बेटी के प्रेमी की हत्या कर इसी नदी में बहा दी गई थी। जब लड़का काफी दिनों तक नहीं आया तब वह प्रेमिका उसे ढूंढने निकली, तब वह इसी नदी के किनारे उसे ढूंढती रहती थी। उसकी मृत्यु के बाद ऐसा माना जाता है कि नदी के किनारे से आने वाले घुंघरू की आवाज इस लड़की की है, जो अपने प्रेमी को आज भी ढूंढती है।
वैज्ञानिक के अनुसार…
वहीं, वैज्ञानिकों के अनुसार, नदी की रफ्तार और हवा से जब की लहरें पत्थरों से टकराती है, तब ऐसी आवाज आती है। इसके अलावा, नदी किनारे स्थित मंदिर हो की घंटियों की आवाज भी आती है। यहां सालोंभर लोग पहुंचते हैं। इस नदी के किनारे का वातावरण काफी शांत रहता है। आसपास के जंगलों में जानवरों की आवाज रात का माहौल और भी अधिक डरावना बना देता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)