चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से देशभर में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के फैसले पर विपक्षी दल नाराज हो गए हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि केंद्र की बीजेपी (BJP) सरकार इस प्रक्रिया का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही है। वहीं इसका अच्छा खास विरोध को पश्चिम बंगाम (West Bengal) में देखने को मिल रहा है। बंगाल में वोटर लिस्ट के SIR कराने के फैसले के विरोध में राज्य की सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुलकर SIR के विरोध में आ गई हैं।
BLO का भी विरोध प्रदर्शन
एक तरफ तो सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वह मंगलवार 4 नवंबर को SIR के विरोध में कोलकाता में एक विशाल मार्च का नेतृत्व करेंगी। वहीं दूसरी ओर अब SIR के लिए ब्लॉक स्तर के अधिकारियों (BLO) के प्रशिक्षण के दौरान विरोध की खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, कर्मचारी ड्यूटी के घंटों और सुरक्षा को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

बता दें कि ऐसे में अब बंगाल सरकार की परेशानी बढ़ने वाली है। एक ओर जहां ममता सरकार SIR खिलाफ आंदोलन करने जा रही है तो दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों ने आधिकारिक ड्यूटी की स्थिति और केंद्रीय सुरक्षा कवर सहित कई मांगें उठाईं है। कई शिक्षकों, जो BLO की ड्यूटी पर हैं, उनका आरोप है कि उनके स्कूल अधिकारियों ने उन्हें ट्रेनिंग अवधि के दौरान “एबसेंट” मार्क किया था। शिक्षकों ने मांग की है कि जिस दिन वे ट्रेनिंग के लिए उपस्थित हों, उन्हें “ड्यूटी पर” मार्क किया जाए। शिक्षकों ने ट्रेनिंग सत्र के दौरान केंद्रीय सुरक्षा की भी मांग की है और चेतावनी दी है कि वे पर्याप्त सुरक्षा के बिना काम जारी नहीं रखेंगे।
पश्चिम बंगाल में SIR की प्रक्रिया
चुनाव आयोग ने ऐलान किया था कि पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR की प्रक्रिया की जाएगी। वहीं देखा जाए तो अगले साल 2026 में राज्य में विधानसभा चुनाव भी हैं। वहीं बीजेपी SIR का समर्थन कर रही है तो ममता सरकार इसके विरोध में है। SIR की प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगी। मतदाता सूची का मसौदा 9 दिसंबर को जारी किया जाएगा और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।
TMC ने लगाया ये आरोप
TMC का आरोप लगाते हुए कहा कि यह प्रक्रिया घुसपैठियों को हटाने के बहाने असली वोटरों को निशाना बना रही है। पार्टी ने दो मामलों का हवाला दिया, जहां SIR के डर से लोगों ने आत्महत्या कर ली। वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी ने SIR का स्वागत किया है। बीजेपी पहले से ही राज्य में SIR प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रही थी। बीजेपी आरोप लगा रही थी कि ममता सरकार फर्जी वोटिंग के जरिए चुनाव जीत रही हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी SIR को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, किसी को भी लोगों का मताधिकार छीनने नहीं दूंगी। यह भाषाई और सामाजिक विभाजन की साजिश है। पार्टी ने 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक पूरे राज्य में क्षेत्रवार हेल्प डेस्क लगाने का प्लान बनाया है, जहां लोग अपने नाम की जांच कर सकेंगे।










