देशप्रेम के ओज से भरे गीत लिखने वाले कवि प्रदीप की जयंती आज, पढ़िए उनकी कुछ प्रसिद्ध कविताएं

ओजस्वी लेखनी के धनी प्रदीप का देशभक्ति गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी' एक कालजयी रचना है। उनके लिखे गीत आज भी बेहद लोकप्रिय हैं। वे एक गांधीवादी विचार के व्यक्ति थे और उनकी जयंती पर सीएम डॉ मोहन यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

Pradeep

Poet Pradeep’s birth anniversary today : आज जाने माने कवि और गीतकार प्रदीप की जयंती है। उनका जन्म 6 फरवरी 1915 को उज्जैन में हुआ था। ओजस्वी लेखनी के धनी प्रदीप का देशभक्ति गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी’ एक कालजयी रचना है। उनके लिखे गीत आज भी बेहद लोकप्रिय हैं। वे एक गांधीवादी विचार के व्यक्ति थे और आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की, हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के, दे दी हमें आज़ादी, दूर हटो ऐ दुनिया वालों, चल चल रे नौजवान जैसे लोकप्रिय गीतों के रचयिता हैं। उनके योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। सीएम मोहन यादव ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उनकी जयंती पर हम पढ़ेंगे उनकी लिखी कुछ मशहूर रचनाएं।

कभी कभी खुद से बात करो

कभी कभी खुद से बात करो, कभी खुद से बोलो।
अपनी नज़र में तुम क्या हो? ये मन की तराजू पर तोलो।
कभी कभी खुद से बात करो।
कभी कभी खुद से बोलो।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।