आज की जंगों में फाइटर जेट्स की ताकत किसी देश की मिलिट्री पावर दिखाती है। लॉकहीड मार्टिन का F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II स्टील्थ और सेंसर फ्यूज़न में बेमिसाल हैं, जबकि रूस का सुखोई Su-35S मैन्यूवरैबिलिटी और हथियारों से खतरनाक है। चीन का चेंगदू J-20 स्टील्थ डिज़ाइन और लॉन्ग-रेंज मिसाइल्स के लिए जाना जाता है, और फ्रांस का डसॉल्ट राफेल मल्टीरोल मिशन्स में माहिर है।
इन जेट्स की स्पीड Mach 1.6 से 2.25 तक, और हथियारों में AIM-120, Meteor, और PL-15 जैसी मिसाइल्स शामिल हैं। ये 4.5 और 5वीं जनरेशन जेट्स जंग के मैदान में काल बनकर उभरते हैं। कई देश इन जेट्स को अपनी एयर फोर्स में शामिल करने की रेस में हैं। भारत ने राफेल को 2019 में बालाकोट स्ट्राइक के लिए यूज़ किया, जबकि F-35 को कई देश ISIS के खिलाफ जंग में इस्तेमाल कर चुके हैं। 2025 में ये जेट्स टेक्नोलॉजी और कॉम्बैट रिकॉर्ड की वजह से टॉप पर हैं। अगर आप इनके फीचर्स, जंग में रोल, और ताकत जानना चाहते हैं, तो ये डिटेल्स आपके लिए हैं। आइए, इन्हें करीब से देखें।

टॉप जेट्स की खासियतें
लॉकहीड मार्टिन F-22 रैप्टर 5वीं जनरेशन जेट है, जो स्टील्थ में नंबर वन है। इसका रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) सिर्फ़ 0.0001 m² है, यानी रडार पर ये बमबलबी जितना दिखता है। Mach 2.25 की स्पीड और थ्रस्ट-वेक्टरिंग इंजन इसे 9G मैन्यूवर्स करने देते हैं। हथियारों में 6 AIM-120 AMRAAM और 2 AIM-9 Sidewinder मिसाइल्स, प्लस JDAM बम हैं। ये जेट सिर्फ़ USAF यूज़ करती है, क्योंकि इसकी टेक्नोलॉजी शेयर नहीं की जाती।
F-35 लाइटनिंग II भी 5वीं जनरेशन है, जो सेंसर फ्यूज़न और ऑगमेंटेड रियलिटी हेलमेट से पायलट को पूरा बैटलफील्ड व्यू देता है। Mach 1.6 की स्पीड के बावजूद इसका 18,000 lb पेलोड और स्टील्थ (RCS ~0.001 m²) इसे खतरनाक बनाते हैं।
सुखोई Su-35S 4.5 जनरेशन जेट है, जो 3D थ्रस्त-वेक्टरिंग और Mach 2.25 स्पीड से “पुगाचेव्स कोबरा” जैसे मूव्स करता है। इसका Irbis-E रडार 400 km तक टारगेट डिटेक्ट करता है, और 8,000 kg पेलोड में R-77 मिसाइल्स शामिल हैं।
चेंगदू J-20 माइटी ड्रैगन चीन का 5वीं जनरेशन जेट है, जिसका RCS ~0.1 m² और PL-15 मिसाइल्स (300 km रेंज) हैं। Mach 2 की स्पीड और AESA रडार इसे लॉन्ग-रेंज कॉम्बैट में ताकतवर बनाते हैं।
डसॉल्ट राफेल 4.5 जनरेशन मल्टीरोल जेट है, जो Mach 1.8 स्पीड, 9,500 kg पेलोड, और Meteor मिसाइल्स से जंग में माहिर है। इसका SPECTRA सिस्टम रडार जैमिंग करता है।
जंग में परफॉर्मेंस
इन जेट्स की असली ताकत जंग के मैदान में दिखती है। F-22 रैप्टर ने सीरिया में ISIS के खिलाफ 2014 से मिशन्स किए, जहाँ इसने एयर-टु-ग्राउंड स्ट्राइक्स में JDAM बम यूज़ किए। इसका कोई एयर-टु-एयर लॉस नहीं हुआ
। F-35 लाइटनिंग II ने ISIS के खिलाफ इराक और सीरिया में, और इज़राइल ने 2023 के हमास कॉन्फ्लिक्ट में इसे यूज़ किया। 900+ यूनिट्स के साथ ये सबसे ज़्यादा यूज़ होने वाला 5वीं जनरेशन जेट है।
सुखोई Su-35S ने सीरिया (2015-) और यूक्रेन (2022-) में मिशन्स किए, हालाँकि यूक्रेन में कुछ यूनिट्स डाउन हुए। इसका “पुगाचेव्स कोबरा” मूव डॉगफाइट में गेम-चेंजर है।
चेंगदू J-20 ने अभी तक रियल जंग नहीं देखी, लेकिन साउथ चाइना सी में पेट्रोलिंग और ताइवान के पास डिप्लॉयमेंट से इसकी ताकत का अंदाज़ा लगता है। 200+ यूनिट्स के साथ चीन इसे तेज़ी से बढ़ा रहा है।
डसॉल्ट राफेल ने लीबिया (2011) और माली में मिशन्स किए, जहाँ इसने SCALP बम और Meteor मिसाइल्स से टारगेट्स हिट किए। भारत ने 2019 में बालाकोट स्ट्राइक के लिए राफेल यूज़ किया, जिसने पाकिस्तानी डिफेंस को चकमा दिया।
ये जेट्स जंग में स्पीड, स्टील्थ, और हथियारों का मिक्स यूज़ करके तबाही मचाते हैं, और इनका रिकॉर्ड इन्हें टॉप 5 में लाता है।
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