Travel Guide : देशभर में कई सारे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद है जिन्हें सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। इन्हीं में दिल्ली का लाल किला, कुतुब मीनार और आगरा का ताजमहल भी शामिल है। इन स्मारकों को देखने के लिए सिर्फ देश ही नहीं विदेशों से भी लोग आते हैं। कोरोना के बाद पर्यटक को की संख्या में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है। स्मारकों व धरोहरों के प्रवेश के लिए लोगों को शुल्क चुकाना पड़ता है। ऐसे में भारतीयों को करीब 40 से 50 रूपये के बीच यहां का टिकट खरीदना पड़ता है। वहीं विदेशियों को 200 से 400 रूपये के बीच टिकट खरीदना होता है।
Travel Guide : यहां जानें स्मारकों और धरोहरों से सरकार की कमाई
ऐसे में सरकार टिकट बेचकर हर साल करोड़ों रुपए की कमाई कर लेती है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के एक बयान के मुताबिक कोरोना महामारी के बीच थी सरकार ने स्मारकों से करीब 132 करोड रुपए की टिकट बेचकर कमाई की थी। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ताजमहल, लाल किला और कुतुब मीनार से सरकार कितने करोड़ की कमाई करती है? तो चलिए जानते हैं –
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ताजमहल देखने के लिए हर साल करीब लाखों लोग पहुंचते हैं। ऐसे में वर्ल्ड हेरिटेज साइट होने के साथ-साथ आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधीनस्थ भी यह आता है। इस वजह से इसे देखने के लिए पर्यटकों को शुल्क चुकाना पड़ता है। अब तक दो 2017 से 2012 तक करीब 3 साल में ताजमहल से सरकार ने 152 करोड रुपए की कमाई की।
दिल्ली काला किला देखने के लिए लाखों लोग हर साल आते हैं। इसे देखने के लिए भी लोगों को शुल्क को चुकाना पड़ता है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के मुताबिक 2021 से 2022 के दौरान सरकार ने 6 करोड रुपए की कमाई लाल किले से की थी। इसके अलावा बात करें कुतुबमीनार की तो इससे सरकार ने साल 2019 से 2022 के बीच 20.17 करोड रुपए की कमाई की थी। वहीं 2021 से 22 के बीच 5 करोड़ से ज्यादा की कमाई की थी।