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Sat, Dec 20, 2025

वन विभाग ने नहीं दी पेड़ काटने की अनुमति, मांगी जगह, जिला प्रशासन ने बिना इंतजार किए बना डाली पेड़ों के आस पास 100 करोड़ लागत वाली सड़क

Written by:Sanjucta Pandit
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खासकर रात के समय इस सड़क पर सफर करना मौत को गले लगाने के समान है। यह बिल्कुल बाइकिंग गेम की तरह है, जहां आप या तो बाधाओं से बच सकते हैं या फिर अपनी लाइफ लाइन खो सकते हैं।
वन विभाग ने नहीं दी पेड़ काटने की अनुमति, मांगी जगह, जिला प्रशासन ने बिना इंतजार किए बना डाली पेड़ों के आस पास 100 करोड़ लागत वाली सड़क

बिहार के जहानाबाद से अजब खबर सामने आई है, जहां सड़क के बीचो-बीच खड़े पेड़ हादसे को खुलकर न्योता दे रहे हैं। इससे यात्रियों को दुर्घटना का खतरा बना रहता है। खासकर रात के समय इस सड़क पर सफर करना मौत को गले लगाने के समान है। यह बिल्कुल बाइकिंग गेम की तरह है, जहां आप या तो बाधाओं से बच सकते हैं या फिर अपनी लाइफ लाइन खो सकते हैं।

दरअसल, राजधानी पटना से 50 किलोमीटर दूर जहानाबाद में पटना-गया मुख्य मार्ग पर 7.48 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई, जिसके लिए 100 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

2 साल में बनकर हुआ तैयार

बता दें कि यहां पिछले दो साल से सड़क के चौड़ीकरण का कार्य जारी है, जिसके लिए करीब 100 करोड़ की लागत को राज्य सरकार द्वारा मंजूरी दी गई थी। इस दौरान सड़क के बीचो-बीच खड़े दर्जनों पेड़ निर्माण कार्य में बाधा बन रहे थे, जिसके लिए जिला प्रशासन ने वन विभाग से संपर्क कर इन पेड़ों की कटाई की अनुमति मांगी। हालांकि, वन विभाग ने पेड़ काटने की अनुमति देने के बदले वन भूमि की मांग की। वहीं, जिला प्रशासन द्वारा ऐसा नहीं करने पर अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया गया। लिहाजा निर्माण एजेंसी, पथ निर्माण विभाग ने पेड़ को बीच में ही रखकर सड़क का चौड़ीकरण कर दिया।

मांगी जमीन

मिली जानकारी के अनुसार, वन विभाग ने कनौदी आरओबी से मई गुमटी तक सड़क पर जमा दर्जनों पेड़ हटाने के बदले में जिला प्रशासन से लगभग 14 हेक्टेयर जमीन मांगी थी। उनकी इस मांग को पूरा नहीं किया गया और एक विचित्र कदम उठाते हुए पेड़ों के चारों ओर सड़क बना दी गई।

पहले भी हो चुकी है दुर्घटनाएं

स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क के बीचो-बीच पेड़ होने के कारण पहले भी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इस मामले में जिला प्रशासन पेड़ों को हटाने के लिए कोई भी ठोस पहल नहीं करता। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि यदि इस रास्ते पर चलते हुए किसी की मौत हो जाए, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?