पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को उस समय हंगामा मच गया जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने एक-दूसरे पर चोर के नारे लगाए और जोरदार नारेबाजी की। यह तनाव बंगाली प्रवासियों पर कथित अत्याचारों के खिलाफ एक प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शुरू हुआ। बीजेपी विधायकों ने ममता बनर्जी को बोलने से रोका और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के निलंबन पर सवाल उठाया, जिन्हें पहले एक बहस में व्यवधान डालने के लिए सत्र से निलंबित किया गया था।
स्पीकर बिमन बनर्जी ने बार-बार बीजेपी विधायकों से शांत रहने की अपील की, लेकिन उनकी अपील बेकार गई। हंगामे के बीच बीजेपी के मुख्य सचेतक शंकर घोष को दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। उन्हें हटाने के लिए मार्शलों को बुलाया गया, जिससे और अधिक अराजकता फैल गई। बीजेपी विधायकों ने मार्शलों को रोकने की कोशिश की, जबकि बाहर शंकर घोष को चिकित्सा सहायता दी गई। इसके बाद बीजेपी की अग्निमित्रा पॉल को भी निलंबित कर दिया गया। इस दौरान भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे गूंजते रहे, साथ ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पानी की बोतलें और कागज फेंकने के आरोप लगाए।
बीजेपी पर तीखा हमला बोला
जब ममता बनर्जी को अंततः बोलने का मौका मिला, तो उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला बोला और उन्हें बेशर्म और बंगाली विरोधी करार दिया। उन्होंने बीजेपी पर सीमा सुरक्षा बल के जरिए बंगालियों पर अत्याचार करने और वोट चोरी का आरोप लगाया। बीजेपी विधायकों ने जवाब में ममता के खिलाफ ‘चोर, चोर’ के नारे लगाए और उनकी स्पीच में फिर से व्यवधान डाला। स्पीकर ने एक बार फिर अनुचित विरोध के खिलाफ चेतावनी दी। ममता ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले चेतावनी दी कि बीजेपी का कोई भी विधायक सदन में नहीं बचेगा और केंद्र सरकार जल्द ही ढह जाएगी।
तृणमूल और बीजेपी के बीच बढ़ता तनाव
यह टकराव अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल और बीजेपी के बीच बढ़ते तनाव और कटुता को दर्शाता है। ममता बनर्जी चौथी बार लगातार चुनाव जीतने और मुख्यमंत्री बने रहने की कोशिश करेंगी, जबकि बीजेपी उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती पेश कर रही है। इस बीच, सुवेंदु अधिकारी ने एक्स पर तीखा हमला बोलते हुए ममता और उनकी सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया।





