प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले की जांच के तहत व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के विधायक जिबन कृष्ण साहा को उनके अंडी, मुर्शिदाबाद स्थित आवास से पांच घंटे से अधिक की छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया। साहा पर जांच में सहयोग न करने का आरोप है। छापेमारी के दौरान उन्होंने कथित तौर पर अधिकारियों से बचने के लिए अपने घर के पीछे की दीवार फांदी और अपना मोबाइल फोन झाड़ियों में फेंक दिया, जिसे बाद में बरामद कर लिया गया।
जांच के दायरे को और विस्तार देते हुए ईडी ने साहा के रिश्तेदारों के घरों पर भी छापेमारी की जिसमें रघुनाथगंज, मुर्शिदाबाद में उनके ससुराल और बीरभूम में उनकी ममेरी चाची माया साहा के घर शामिल हैं। माया सैंथिया नगरपालिका के वार्ड 9 की तृणमूल पार्षद हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया और उन्हें 28 अगस्त को पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले 2023 में, केंद्रीय जांच ब्यूरो की छापेमारी के दौरान साहा ने अपने दो मोबाइल फोन तालाब में फेंक दिए थे।
ससुराल में भी तलाशी
ईडी ने पुरुलिया में आरोपी प्रसन्ना रॉय के ससुराल में भी तलाशी ली, जो वर्तमान में जेल में है और भर्ती प्रक्रिया में बिचौलिया होने का आरोप है। रॉय की तीन साली को कुछ साल पहले प्राथमिक स्कूल शिक्षक की नौकरी मिलने की बात सामने आई है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह छापेमारी इन नियुक्तियों से सीधे जुड़ी है। ईडी ने पहले रॉय की कई संपत्तियों को जब्त किया था।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता
इसके अलावा, मुर्शिदाबाद के अंडी महिष गांव में एक बैंक कर्मचारी के घर पर भी तलाशी चल रही है जो इस जांच के विस्तार को दर्शाता है। यह घोटाला पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से संबंधित है और ईडी का अभियान इस मामले में गहन जांच का हिस्सा है।





