तमिझगा वेट्री कषगम (TVK) के प्रमुख विजय ने तमिलनाडु में विवादास्पद बयान देते हुए लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के दिवंगत नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरण की प्रशंसा की, जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का मास्टरमाइंड माना जाता है। नागपट्टिनम में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए विजय ने श्रीलंकाई तमिलों के लिए आवाज उठाने की बात कही और प्रभाकरण को उनकी मातृ स्नेह देने वाला नेता बताया। उन्होंने कहा कि श्रीलंका या दुनिया भर में बसे ईलम तमिलों के दुख को देखते हुए उनके लिए बोलना हमारा कर्तव्य है।
विजय ने कहा, “हमारे नाभि-संबंधी बंधु, ईलम तमिल, जो श्रीलंका या दुनिया के किसी भी कोने में हैं। एक ऐसे नेता को खोने के बाद पीड़ा में हैं, जिसने उन्हें मातृ स्नेह दिया।” यह स्पष्ट रूप से प्रभाकरण की ओर इशारा था, जिनकी 2009 में श्रीलंकाई सेना ने हत्या कर दी थी। एलटीटीई, जो 1990 के दशक से भारत में प्रतिबंधित है, श्रीलंका में स्वतंत्र तमिल राज्य के लिए दशकों तक लड़ी थी। 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद भारत ने एलटीटीई को गैरकानूनी घोषित कर प्रभाकरण और उनके खुफिया प्रमुख पोट्टू अम्मान को भगोड़ा घोषित किया था।
श्रीलंकाई तमिलों के प्रति समर्थन
यह पहली बार नहीं है जब विजय ने श्रीलंकाई तमिलों के प्रति समर्थन जताया है। 2008 में उन्होंने चेन्नई में श्रीलंका में तमिलों की हत्या के विरोध में भूख हड़ताल में हिस्सा लिया था। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रीलंकाई तमिलों का समर्थन करना एलटीटीई का समर्थन नहीं है जो भारत में प्रतिबंधित है। विजय ने यह भी जोर दिया कि मछुआरों की समस्याओं का समाधान उनकी पार्टी की प्राथमिकता है। डीएमके सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी केवल पत्र लिखकर चुप नहीं बैठेगी।
विजय ने अपने बयान में क्या कहा
विजय ने मछुआरों के मुद्दों के साथ-साथ ईलम तमिलों के सपनों और जीवन को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “मैंने मदुरै सम्मेलन में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा हमारे मछुआरों पर हमलों के कारणों और संभावित समाधानों के बारे में बात की थी। मछुआरों के साथ खड़ा होना मेरा कर्तव्य है।” उल्लेखनीय है कि प्रभाकरण एक विवादास्पद शख्सियत हैं, जिन्हें तमिल कट्टरपंथियों के बीच समर्थन प्राप्त है और कई तमिल नेताओं ने उनके बारे में विवादास्पद टिप्पणियां की हैं।





