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Thu, Dec 18, 2025

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का स्पष्ट रुख, पीएम मोदी-जेलेंस्की की अहम बातचीत

Written by:Vijay Choudhary
Published:
इससे पहले भी भारत अपना रूख रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर क्लियर कर चुका है। भारत का साफ कहना है कि ये समय युद्ध का नहीं बल्कि शांति वार्ता की है। 
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का स्पष्ट रुख, पीएम मोदी-जेलेंस्की की अहम बातचीत

पीएम मोदी और जेलेंस्की

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हाल ही में एक अहम और लंबी बातचीत हुई। जेलेंस्की ने पीएम मोदी  को फोन किया और एक लंबी बातचीत हुई। बातचीत के क्रम में रूस-यूक्रेन युद्ध और द्विपक्षीय सहयोग, वैश्विक कूटनीतिक स्थिति और रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के रास्तों पर विस्तार से विचार हुआ। जेलेंस्की ने कहा कि भारत के समर्थन और सहानुभूति ने यूक्रेन को हौसला दिया है। उन्होंने मोदी के साथ अपने संवाद को “उत्पादक और सकारात्मक” बताया।

रूस के हमलों का जिक्र

बातचीत के दौरान जेलेंस्की ने रूस द्वारा यूक्रेन के शहरों और गांवों पर किए जा रहे हमलों की ताजा जानकारी दी। खासतौर पर जापोरिज्जिया के बस स्टेशन पर हालिया हमले का जिक्र किया, जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए। उन्होंने कहा कि यह हमला जानबूझकर एक नागरिक क्षेत्र को निशाना बनाकर किया गया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि रूस पर सख्त दबाव डालने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

भारत का शांति पर जोर

पीएम मोदी ने इस वार्ता के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करके और हालिया घटनाक्रमों पर उनके विचार जानकर खुशी हुई। मैंने संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर भारत की दृढ़ स्थिति से उन्हें अवगत कराया।” मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत हर संभव योगदान देगा और यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा। यह रुख भारत की दीर्घकालिक नीति के अनुरूप है, जो किसी भी अंतरराष्ट्रीय विवाद को कूटनीतिक तरीकों से सुलझाने की पक्षधर रही है।

रूस पर ऊर्जा निर्यात रोकने की अपील

जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और उनके प्रभाव पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि रूस से ऊर्जा, खासकर तेल के निर्यात को सीमित करना जरूरी है, ताकि युद्ध को जारी रखने के लिए उसके वित्तीय स्रोत कमजोर हों। इस संदर्भ में उन्होंने वैश्विक नेताओं से आग्रह किया कि वे रूस पर सशक्त और स्पष्ट संदेश भेजें।

भारत का रूख

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत का रुख साफ है, संघर्ष का समाधान केवल बातचीत और कूटनीति से ही संभव है। जेलेंस्की की यह बातचीत इस बात का संकेत है कि यूक्रेन भारत को एक अहम साझेदार और संभावित मध्यस्थ के रूप में देख रहा है। वहीं भारत, अपने वैश्विक संतुलन और रणनीतिक हितों को बनाए रखते हुए, मानवीय सहायता और शांति प्रयासों में योगदान देने को तैयार है। इससे पहले भी भारत अपना रूख रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर क्लियर कर चुका है। भारत का साफ कहना है कि ये समय युद्ध का नहीं बल्कि शांति वार्ता की है।