उमर खालिद हुआ गिरफ्तार, दिल्ली में दंगे भड़काने का था आरोप

दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। दिल्‍ली में दंगों से जुड़े एक मामले में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद (Umar Khalid) को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार कर लिया है। बीते फरवरी में ये हिंसा हुई थी, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल, रविवार को पूछताछ के लिए उमर खालिद को स्पेशस सेल के लोधी कॉलोनी वाले ऑफिस में तलब किया गया था, जिसके बाद 11 घंटे तक चली पूछताछ के बाद खालिद को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं आज खालिद को न्यायालय में पेश किया गया। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ फरवरी में विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी वहीं सैंकड़ों लोग घालय हुए थे।

वहीं इस पूरे मामले में उमर खालिद के पिता सैयद कासिम रसूल ने कहा कि उनके बेटे को स्पेशल सेल ने रात 11 बजे गिरफ्तार किया है। पुलिस उससे दोपहर 1 बजे से पूछताछ कर रही थी। आगे उन्होंने कहा कि उनके बेटे को फसाया गया है। बता दें कि उमर खालिद के गिरफ्तार होने के कुछ देर बाद ही ट्वीटर पर #istandwithumar करने लगा।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।