आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 (UMEED) पेश कर दिया गया। जैसे ही बिल पेश किया गया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बिल के समर्थन में अपनी बात रखी। स्पीकर ओम बिरला की ओर से बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय किया गया है। सदन में बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर देता था, लेकिन अब इस प्रावधान को हटा दिया गया है।
रिजिजू ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी गरीब की जमीन छीनी नहीं जाएगी। इस प्रावधान का कई बार गलत इस्तेमाल किया गया है। आज देश में क्रिश्चियन कमेटी और अन्य कमेटियां भी जोर-शोर से कह रही हैं कि वक्फ संशोधन बिल को पास होना चाहिए, क्योंकि वक्फ के कानून का बहुत गलत इस्तेमाल हुआ है।

इसका इस्तेमाल गरीब मुसलमानों को आगे बढ़ाने के लिए क्यों नहीं किया गया? (Wakf Amendment Bill 2025)
चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी भारत में है, तो इसका इस्तेमाल गरीब मुसलमानों को आगे बढ़ाने के लिए क्यों नहीं किया गया? जनकल्याण के लिए इसका उपयोग क्यों नहीं हुआ? उन्होंने कहा कि आज नरेंद्र मोदी सरकार गरीब मुसलमानों के लिए काम कर रही है, तो विपक्ष को इसमें परेशानी क्यों हो रही है?
विपक्ष यह भ्रम फैला रहा: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (UMEED)
रिजिजू ने कहा कि विपक्ष यह भ्रम फैला रहा है कि इस बिल के पास हो जाने से सरकार मस्जिदें और दरगाहें छीन लेगी या मुसलमानों की प्रॉपर्टी हड़प लेगी। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, यह झूठ है। जो प्रॉपर्टी पहले से रजिस्टर्ड हो चुकी हैं और जहां लोग निवास कर रहे हैं, उन पर किसी भी प्रकार की दखलंदाजी नहीं की जाएगी। किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा। जिन प्रॉपर्टी पर विवाद चल रहा है, उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी, बोहरा, मुस्लिम महिलाएं, एक्सपर्ट और नॉन-मुस्लिम भी शामिल रहेंगे
वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी, बोहरा, मुस्लिम महिलाएं, एक्सपर्ट और नॉन-मुस्लिम भी शामिल रहेंगे। मंत्री रिजिजू ने कहा कि पहले कहा गया था कि कोई भी भारतीय वक्फ बना सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस कानून को संशोधित (UMEED) किया गया है। अब वक्फ सिर्फ वही क्लेम कर सकता है, जो कम से कम 5 साल से इस्लाम धर्म को मानता हो। वक्फ बोर्ड के मेंबर नॉन-मुस्लिम भी हो सकते हैं, और इसमें दो महिलाएं भी होनी चाहिए।
इस दौरान मंत्री रिजिजू ने विपक्ष पर बड़ा हमला किया। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कैसा प्रावधान था कि वक्फ का जो कानून है, वह देश के किसी भी मौजूदा कानून से ऊपर रहेगा? कोई सरकार देश में ऐसे कानून को कैसे मंजूर कर सकती है? 2013 में जो बिल पास हुआ था, उस पर ताज्जुब है।