अप्रैल से लागू होगी Unified Pension Scheme, इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ, जानें NPS से कितनी अलग है UPS

एनपीएस के तहत पात्र केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के पास अब एनपीएस के तहत यूनिफाइड पेंशन योजना में स्विच करने का विकल्प है। यूपीएस के तहत अब केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्‍चित पेंशन दिया जाएगा, जो लास्‍ट 12 महीने की ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50% होगा।

Pooja Khodani
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Unified Pension Scheme :1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू होने जा रही है। इसका लाभ उन सभी कर्मचारियों को मिलेगा जो रिटायर्ड हो चुके हैं और NPS के तहत 31 मार्च 2025 रिटायर हो रहे हैं। इसके अलावा उन्हें एरियर का भी भुगतान किया जाएगा।यूनिफाइड पेंशन स्कीम में सरकार का योगदान 18.5% होगा, जबकि एनपीएस में यह 14% है।

सरकारी कर्मचारी अप्रैल से अपने हिसाब से UPS या NPS में से किसी भी एक स्कीम को चुन सकते हैं।यूपीएस में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) दोनों के फायदे मिलते हैं।OPS को 2004 में समाप्त कर दिया गया था, जिसके बाद NPS लागू किया गया।ध्यान रहे UPS स‍िर्फ NPS के तहत रजिस्‍टर्ड सरकारी कमचारियों के लिए लागू होगा।यूपीएस चुनने वाले कर्मचारियों को किसी अन्य पॉलिसी रियायत, पॉलिसी चेंज, फाइनेंशियल बेनिफिट नहीं मिलेगा।

UPS : किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

  • केंद्रीय कर्मचारियों को निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो 12 महिने की ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50% होगी।
  • पेंशन पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 25 साल तक सर्विस देनी होगी।
  • अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो कर्मचारी के परिवार को कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा।
  • जिन कर्मचारियों ने 10 साल तक सर्विस दी है, उन्हें कम से कम 10,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी।
  • अगर कर्मचारी की सर्विस 25 साल से कम है और 10 साल से अधिक है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी।
  • कर्मचारी का कार्य-वर्ष चाहे जितना भी हो, उनकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी।
  • कोई भी कर्मचारी जो NPS के तहत UPS विकल्प का प्रयोग करता है, वह किसी अन्य नीतिगत रियायत, नीतिगत परिवर्तन, वित्तीय लाभ, बाद में सेवानिवृत्त होने वालों के साथ किसी भी समानता आदि का हकदार नहीं होगा और दावा नहीं कर सकता है, जिसमें सेवानिवृत्ति के बाद भी शामिल है।

आईए जानते है UPS, NPS से कितनी है अलग

UPS में किस तरह मिलेगा लाभ

  1. Assured Pension: 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत। यह वेतन न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा अवधि तक कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होगा।
  2. Assured Family Pension: कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत।
  3. Assured Minimum Pension: न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह।
  4. Inflation Index: सुनिश्चित पेंशन पर, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर।औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत।सैन्य कर्मचारियों के मामले में सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान, सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए, सेवानिवृत्ति की तिथि पर मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा,इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की धनराशि कम नहीं होगी।

NPS में किस तरह मिलता है

  • NPS एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, इसके तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है।
  • एनपीएस में कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय 60% राशि मिलती है। बाकी 40% राशि से पेंशन बनती है।
  • NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।
  • न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है।
  • नई पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है।
  • सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
  • एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।
  • NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
  • नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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