केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने रविवार को पश्चिमी मीडिया के उस दावे की कड़ी आलोचना की, जिसमें अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया विमान दुर्घटना के लिए सीनियर पायलट को जिम्मेदार ठहराया गया था। उन्होंने कहा कि वह विमान दुर्घटना जांच शाखा पर पूरा भरोसा करते हैं जो इस मामले की जांच कर रही है। नायडू ने एएआईबी की प्रारंभिक जांच की सराहना करते हुए कहा, “मुझे एएआईबी पर भरोसा है। उन्होंने भारत में डेटा विश्लेषण में शानदार काम किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।”
नायडू ने विशेष रूप से वॉल स्ट्रीट जर्नल और रॉयटर्स की उन खबरों पर निशाना साधा जिनमें पायलट की गलती का दावा किया गया था। उन्होंने कहा, “एएआईबी ने सभी से खासकर पश्चिमी मीडिया हाउसों से अपील की है जो अपने लेखों के जरिए संदिग्ध हितों को बढ़ावा दे सकते हैं।” उन्होंने बिना पुष्टि के सिद्धांतों को फैलाने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने से पहले कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं है।
निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी
मंत्री ने जोर देकर कहा कि अंतिम रिपोर्ट के बिना किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, “रिपोर्ट के आधार पर ही आगे बढ़ें। जो भी अंतिम रिपोर्ट में कहा जाएगा, वही अंतिम होगा। प्रारंभिक रिपोर्ट आ चुकी है लेकिन अभी और डेटा की पुष्टि की जरूरत है। हमें एएआईबी को समय देना चाहिए।” उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह दी और जांच प्रक्रिया का सम्मान करने की अपील की।
विमान दुर्घटना जांच में प्रगति
राम मोहन नायडू ने भारत की विमान दुर्घटना जांच में प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया, “पहले ब्लैक बॉक्स का डेटा निकालने के लिए उसे विदेश भेजना पड़ता था लेकिन पहली बार भारत में ही डेटा डीकोड किया गया।” एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में कॉकपिट रिकॉर्डिंग का जिक्र है जिसमें एक पायलट को यह पूछते सुना गया, “आपने ईंधन क्यों काटा?” जिसका जवाब दूसरे पायलट ने दिया, “मैंने ऐसा नहीं किया।” हालांकि, रिपोर्ट में इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं की गई कि ईंधन की आपूर्ति जानबूझकर बंद की गई थी या नहीं।





