Wed, Dec 24, 2025

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया बड़ा खुलासा, जानिए PM बनने के ऑफर पर क्या कहा?

Written by:Rishabh Namdev
Published:
केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा छेड़ दी है। दरअसल मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा खुलासा किया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया बड़ा खुलासा, जानिए PM बनने के ऑफर पर क्या कहा?

केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा किया है। जिसके बाद इस बयान की चर्चा सभी और हो रही है। दरअसल इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल बना दिया है। बता दें कि गडकरी ने खुलासा किया कि उन्हें एक विपक्षी नेता ने प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इसे स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया।

दरअसल इस प्रस्ताव को ठुकराने के पीछे गडकरी की अपनी विचारधारा और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा महत्वपूर्ण कारण रही। हालांकि इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई।

जानिए क्या था प्रस्ताव?

जानकारी के अनुसार नागपुर में आयोजित एक पत्रकारिता पुरस्कार समारोह में नितिन गडकरी ने यह महत्वपूर्ण खुलासा किया है। दरअसल उन्होंने बताया कि एक नेता ने उनसे कहा था, “अगर आप प्रधानमंत्री बनते हैं, तो हम आपका समर्थन करेंगे।” हालांकि, गडकरी ने उस नेता का नाम उजागर नहीं किया और न ही यह स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव कब पेश किया गया था।

प्रधानमंत्री बनना जीवन का उद्देश्य नहीं: नितिन गडकरी

दरअसल नितिन गडकरी ने इस प्रस्ताव को सीधे नकारते हुए कहा कि, “आप मुझे समर्थन क्यों देंगे? और मुझे आपसे समर्थन की आवश्यकता क्यों हो?” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री बनना उनके जीवन का उद्देश्य नहीं है। वहीं सोशल मीडिया पर कई लोगों ने नितिन गडकरी के इस फैसले की तारीफ की। वहीं गडकरी ने कहा कि वे अपने सिद्धांतों और मूल्यों के खिलाफ किसी भी राजनीतिक प्रस्ताव के लिए समझौता नहीं करेंगे।

मेरे लिए, मेरा संकल्प ही सर्वोपरि: नितिन गडकरी

वहीं नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि उनका प्राथमिक उद्देश्य प्रधानमंत्री बनना नहीं है। उन्होंने अपनी विचारधारा और संगठन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा, “मैं एक ऐसी सोच और गहरे विश्वास को मानता हूं। मैं अपने संगठन के प्रति पूरी तरह से निष्ठावान हूं। उस पार्टी ने मुझे वह सब कुछ दिया है जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। कोई भी प्रस्ताव मुझे अपनी विचारधारा और दृढ़ता से समझौता करने के लिए प्रेरित नहीं कर सकता। मेरे लिए, मेरा संकल्प ही सर्वोपरि है।”