चौंका देगी भारत के इस गांव की यह अनोखी परंपरा, कुछ दिनों तक कपड़ों का त्याग कर देती हैं महिलाएं! पुरुषों के लिए भी हैं अलग नियम

भारत के इस गांव में निभाई जाने वाली इस अनोखी परंपरा के बारे में जानने के बाद हर कोई हैरान रह जाता है। इस दौरान पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। जिसका पालन विधि पूर्वक किया जाता है, ताकि परिवार को किसी प्रकार का कोई नुकसान ना हो।

Sanjucta Pandit
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Pini Village Unique Rituals : भारत में एक से बढ़कर एक अनोखे गांव है, जहां की परंपरा अलग है। हर एक गांव का अपना अलग-अलग महत्व है, जहां लोग अपने लोकल कलचर को फॉलो करते हैं। यहां की विविधता और संस्कृति इन्हें बाकियों से अलग बनाती है। सभी पर्व-त्योहार में गांव की कुछ अलग और अनोखी परंपरा के साथ रिती-रिवाज भी देखने को मिलता है। ऐसा ही एक गांव के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जहां महिलाएं कुछ दिन तक कपड़ों का त्याग कर देती हैं। इसके पीछे कई तरह की मान्यताएं भी है, जिसके बारे में जानकर हर कोई आश्चर्यचकित रह जाता है।

दरअसल, यह परंपरा सावन के महीने में महिलाओं द्वारा निभाई जाती है। जब 5 दिनों तक वह कपड़े नहीं पहनती। यह रिवाज सदियों से चला आ रहा है, जिसे आज भी पालन किया जाता है। इसके पीछे की कहानी काफी अनोखी और दिलचस्पभरी है। जिसे जानने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं।

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पिणी गांव (Pini Village)

यह अनोखी परंपरा हिमाचल प्रदेश में स्थित पिणी गांव का है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनूठी परंपरा के लिए जाना जाता है। इस गांव में 5 दिन तक महिलाएं कपड़े नहीं पहनती। इस दौरान वह ऊंट से बने एक पटके का इस्तेमाल करती है, ताकि वह अपने शरीर को ढक सके। गांव के लोग इस परंपरा को काफी पवित्र मानते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस परंपरा का पालन नहीं करते, उनके परिवार में कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। इसलिए गांव की सभी महिलाएं इस रीति का पालन करती हैं।

पौराणिक कथा (Unique Rituals)

इसके अलावा, एक पौराणिक कथा के अनुसार इस गांव में एक राक्षस था, जो सजी-धजी महिलाओं को उठाकर ले जाता था, जिससे परेशान होकर गांव के लोग देवतागणों के पास पहुंचे और मदद की गुहार लगाई, तब देवता ने इस रक्षा का वध किया। तब से ही इस परंपरा को विधि विधान पूर्वक सावन के महीने में निभाया जाता है। हालांकि, समय के साथ-साथ परंपरा में थोड़े बहुत बदलाव आए हैं। अब महिलाएं पतले कपड़े पहन कर अपने शरीर को ढक लेती हैं। वहीं, 5 दिनों तक घर से बाहर भी नहीं निकलती।

पुरुषों को भी मानना पड़ता है ये नियम

इस गांव में केवल महिलाओं के लिए ही नियम कानून नहीं बनाए गए, बल्कि पुरुषों को भी बहुत सारे नियमों का पालन करना पड़ता है। इस दौरान वह तामसिक भोजन नहीं खा सकते हैं और ना ही मदिरा का सेवन कर सकते हैं। 5 दिनों तक चलने वाले इस परंपरा के दौरान गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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