भारत की लगभग 70% आबादी गांव में रहती है, जो कि कृषि पर निर्भर होती है। यहां सुबह से लेकर शाम तक चहल-पहल देखने को मिलती है, लेकिन रात में यहां बिल्कुल सन्नाटा छा जाता है। मौसम के मामले में भी गांव काफी ज्यादा सुरक्षित और पॉल्यूशन फ्री है। हर गांव की अपनी अलग-अलग विशेषता और महत्व है। इन दिनों लोगों में विलेज कल्चर का क्रेज बढ़ रहा है। टूरिस्ट अक्सर उन्हीं गांव की तलाश करते हैं, जो अपने आप में अनोखा और बेहद खास है। यहां जाकर उन्हें स्थानीय परंपरा को नजदीक से देखने और जानने का मौका मिलता है। केंद्र और राज सरकार द्वारा भी लगातार विलेज टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पिछले कई आर्टिकल में हम आपको भारत में स्थित कई सारे गांव की खासियत और वहां का महत्व बता चुके हैं। आज हम आपको उन गांवों से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जो अपने आप में बहुत ही अनोखा है।

गांव की खासियत
भारत में एक रिपोर्ट के मुताबिक, गांवों की संख्या करीब 6 लाख 28 हजार 221 है। सबसे ज्यादा गांव यूपी में हैं, जिनकी तादाद 1 लाख 7 हजार है, जबकि गोवा में महज 411 हैं। यहां के सबसे बड़े गांव का नाम गहमर है, जो कि उत्तर प्रदेश यानी यूपी में स्थित है। इसे एशिया का सबसे बड़ा गांव माना जाता है। यहां की आबादी लगभग 1 लाख 20 हजार से अधिक है। शहर से गांव की भाषा भी थोड़ी अलग होती है। इसके अलावा, यहां का पहनावा-उढ़ावा, खान-पान सब कुछ अलग है।
मावलिनॉन्ग
सबसे अनोखे गांव की लिस्ट में सबसे पहले मावलिनॉन्ग का नाम सामने आता है, जो कि मेघालय का सबसे स्वच्छ गांव माना जाता है। सफाई के मामले में यहां के लोग बेहद जागरूक हैं। कचरा फेंकने के लिए लोग यहां पर बांस की डस्टबिन का उपयोग करते हैं, ताकि पर्यावरण को भी किसी प्रकार का कोई नुकसान न पहुंचे।
कुलधरा
इसके बाद राजस्थान में स्थित कुलधरा गांव भी अपने आप में अनोखा गांव है, जिसे रहस्यमई भी माना जाता है। इतिहासकारों की मानें तो 13वीं शताब्दी में यह गांव रातों-रात खाली हो गया था। लोगों का कहना है कि यह गांव श्रापित है, इसलिए लोग यहां पर नहीं रहते हैं।
कोडिन्ही
इसके बाद कोडिन्ही गांव का नाम शामिल है, जो कि केरल में स्थित है। यह गांव जुड़वा बच्चों के लिए प्रसिद्ध है। यहां हर परिवार में जुड़वा बच्चे पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों के लिए भी यह गांव एक रहस्य बना हुआ है।
शनि शिंगणापुर
इस लिस्ट में महाराष्ट्र का शनि शिंगणापुर गांव भी शामिल है। यहां किसी भी घर में दरवाजे नहीं होते। इसलिए यहां के लोग ताला भी नहीं खरीदते हैं। ग्रामीणों का ऐसा मानना है कि भगवान शनि इस गांव की रक्षा करते हैं, इसलिए दरवाजे की यहां कोई जरूरत नहीं है।
लोंगवा
इसके अलावा, लोंगवा गांव भी अनोखा गांव है, जो की नागालैंड में स्थित है। भारत और म्यांमार की सीमा पर स्थित होने के कारण यहां के मुखिया का घर दो देशों में बांटा हुआ है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यहां के नागरिक बिना वीजा और पासपोर्ट के दोनों देशों में और जा सकते हैं। इसके लिए उन्हें किसी प्रकार की कोई सजा नहीं दी जाती।