OLD PENSION SCHEME 2023: हिमाचल प्रदेश के 1.39 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। राज्य में पुरानी पेंशन योजना तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है, लेकिन इसकी अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है। हालांकि पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब संभावना जताई जा रही है कि इसी हफ्ते में जारी कर दी जाएगी।इसके बाद ही स्थिति साफ होगी कि इसमें क्या क्या विकल्प होंगे। विभागों के कर्मचारियों को इसका लाभ किस तरह मिलेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कैबिनेट बैठक की कार्यवाही से संबंधित दस्तावेज सामान्य प्रशासन विभाग ने वित्त विभाग को भेज दिया है, इसके बाद वित्त विभाग इस पर राय लेने के लिए मामला विधि विभाग को भेजेगा। । सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि ओल्ड पेंशन को लागू करते समय कर्मचारियों को नुकसान नहीं होना चाहिए। इन सभी बिंदुओं और तकनीकी पहलुओं पर विचार के बाद ही नोटिफिकेशन जारी होगा। पुरानी पेंशन योजना में कितनी राशि मिलेगी, कौन सा फॉर्मूला होगा, एसओपी किस तरह से बनेगी ऐसे तमाम सवालों के जवाब अभी आना बाकी है, मुख्यमंत्री और वित्त विभाग के अधिकारियों ने इस पूरे मामले को गोपनीय रखा हुआ है।
छत्तीसगढ़ फॉर्मूले पर फोकस
इसके लिए हिमाचल सरकार को प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए 15 मई 2003 को जारी हुई अधिसूचना को वापस लेना होगा। वही राज्य सरकार इसमें संशोधन भी कर सकती है।चुंकी नई और पुरानी पेंशन योजना में से किसी एक को चुनने का विकल्प भी कर्मचारियों को दिया जाना है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हिमाचल सरकार छत्तीसगढ़ सरकार के फार्मूले मई 2003 के बाद नई पेंशन योजना में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के देय केंद्र सरकार से वापस लेने के लिए यह फॉर्मूला अपना सकती है।
इस नियम के तहत दी जाएगी पेंशन
कर्मचारी यूनियनों की मानें तो प्रदेश में 15 मई 2003 से पहले सेंट्रल सिविल सर्विस पेंशन रूल 1972 के तहत पेंशन दी जाती थी। इस नियम को ही दोबारा लागू करने के लिए राज्य सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके तहत सेवानिवृत्ति के आखरी दिन लिए गए वेतन का 50 फीसदी पेंशन राशि होती थी और सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर पहले 10 वर्षों तक 50 फीसदी पेंशन ही परिजनों को दी जाती है। इसके बाद पेंशन की राशि को 30 फीसदी दिया जाता है, लेकिन पुरानी पेंशन लेने के लिए किसी भी कर्मचारी की 10 वर्षों की नियमित सेवा होना भी अनिवार्य है।
एसओपी बनेगी
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि कैबिनेट से आए अप्रूवल के अनुसार ओल्ड पेंशन को लागू करने के लिए स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी एसओपी बनाई जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में विधि विभाग से भी राय ली जाएगी। चुंकी भारत सरकार ने ओल्ड पेंशन में सरकार की कंट्रीब्यूशन के तौर पर गया पैसा इस समय वापस लौटाने से इनकार कर दिया है, इसलिए सभी संभावनाओं को देखते हुए एसओपी बनाई जाएगी, ताकी कर्मचारियों को इसका सही से लाभ मिल सके।