कर्मचारियों की बड़ी तैयारी, पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग, 14 मार्च से हड़ताल का ऐलान, क्या फिर मिलेगा OPS का लाभ ?

कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन (आरएसकेएमएस) के बैनर तले विभिन्न राज्य कर्मचारियों की पांच दर्जन से अधिक यूनियनों ने 14 मार्च से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। महाराष्ट्र राज्य जाति कर्मचारी कल्याण महासंघ ने 20 जिलों से होते हुए नागपुर-मुंबई लॉन्ग मार्च शुरू किया है, जो 14 मार्च को महाराष्ट्र विधानमंडल तक पहुंचेगा और एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होगा

Old Pension Scheme  2023 : राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद देशभर में इसकी बहाली की मांग दिनों दिन तेज होती जा रही है। आगामी चुनावों से पहले केन्द्र हो या राज्य के सरकारी कर्मचारी इस मांग को लेकर सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है।इसी कड़ी में अब महाराष्ट्र के 20 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों ने भी पुरानी पेंशन योजना को एक हफ्ते में बहाल करने की मांग की है और ऐसा ना करने पर 14 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।

14 मार्च से हड़ताल पर जाने की तैयारी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार को पुरानी पेंशन बहाल ना करने पर कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन (आरएसकेएमएस) के बैनर तले विभिन्न राज्य कर्मचारियों की पांच दर्जन से अधिक यूनियनों ने 14 मार्च से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। महाराष्ट्र राज्य जाति कर्मचारी कल्याण महासंघ ने 20 जिलों से होते हुए नागपुर-मुंबई लॉन्ग मार्च शुरू किया है, जो 14 मार्च को महाराष्ट्र विधानमंडल तक पहुंचेगा और एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होगा। इधर 9 मार्च को महाराष्ट्र सरकार का बजट भी पेश होना है, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इसमें पुरानी पेंशन योजना को लेकर स्थिति साफ की जा सकती है।

डिप्टी सीएम ने दिए थे सकारात्मक संकेत

दरअसल, बीते दिनों पुरानी पेंशन योजना के संदर्भ में विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों क्या सरकार 2005 के बाद नौकरी जॉइन करने वाले शिक्षकों एवं राज्य कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी या फिर उस पर कोई विचार कर रही है? जब राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य पुरानी पेंशन योजना लागू कर रहे हैं, तो महाराष्ट्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती? इस पर जबाव देते हुए वित्त मंत्री व उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में कहा था कि हम पुरानी पेंशन योजना के खिलाफ नहीं हैं, इस बारे में सरकार सकारात्मक है, लेकिन हमें राज्य के आर्थिक मामलों पर भी ध्यान देना होगा। बजट सत्र के समापन के बाद वह अधिकारियों और यूनियन्स के साथ बैठक करेंगे और किसी नतीजे तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।

2004 से बंद है पुरानी पेंशन योजना

बता दें कि साल 2003 में बीजेपी की तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया था। संबंधित आदेश एक अप्रैल 2004 से प्रभावी हो गया था। फडणवीस ने कहा था पुरानी पेंशन योजना लागू होने पर सरकार पर करीब 50-55 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। राज्य में करीब 16 लाख 10 हजार सरकारी कर्मचारी हैं। पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को एक निर्धारित पेंशन मिलती है। एक कर्मचारी पेंशन के रूप में अंतिम वेतन की 50% राशि प्राप्त करने का हकदार है।  साल 2030 तक महाराष्ट्र के 2.5 लाख से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। मासिक वेतन से वर्तमान में कटौती की गई पेंशन राशि का कुछ हिस्सा पूंजी बाजार में निवेश किया गया है, जहां से हाई रिटर्न पाने की गुंजाइश होती है।