Employees DA Arrears : एक तरफ पश्चिमी बंगाल की ममता सरकार ने छठे वेतन आयोग के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 6 फीसदी और 7वें वेतन आयोग के कर्मचारियों के डीए में 3 फीसदी वृद्धि की है वही दूसरी तरफ बकाया महंगाई भत्ता (DA) की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। धरना प्रदर्शन और काम बंध आंदोलन के बाद अब सरकारी कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को 10 मार्च को पूर्ण हड़ताल के लिए पत्र भेजा है।
10 को हड़ताल, न ड्यूटी-ना उपस्थिति
पहले ये हड़ताल 9 मार्च को होनी थी लेकिन नौ मार्च को पश्चिम बंगाल मदरसा शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएमई) द्वारा परीक्षा होने के चलते इसे 10 मार्च तक बढ़ा दिया है। संयुक्त मंच का कहना है कि 10 मार्च को कर्मचारी न तो ड्यूटी पर रिपोर्ट करेंगे और न ही अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे, बल्कि पूरे जिलों में राज्य सरकार के विभिन्न कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे। 10 मार्च की हड़ताल राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा हाल ही में की गई दो दिवसीय पेन-डाउन हड़ताल का विस्तारित वर्जन होगा।
जारी रहेगी हड़ताल
संयुक्त मंच का कहना है कि हम जानते हैं कि राज्य सरकार हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए सेवा बंद करने की धमकी देने वाली अधिसूचना जारी करेगी। लेकिन हम उसकी अनदेखी करते हुए अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखेंगे। हमने राज्य सरकार को एक अग्रिम पत्र भेज दिया है कि हम अपनी हड़ताल के आह्वान से तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक कि बकाया डीए की हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती। राज्य सरकार के कर्मचारी कोलकाता की सड़कों पर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जो पहले ही 26 दिन पूरे कर चुके हैं, जिनमें 12 दिनों के लिए क्रमिक उपवास किया गया था।
15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इधर, डीए बकाए पर सुप्रीम कोर्ट में 15 मार्च को सुनवाई होनी है, लेकिन इसके पहले कर्मचारियों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। वही राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त तीन प्रतिशत डीए की घोषणा की है। हालांकि, यह आंदोलनकारी कर्मचारियों को संतुष्ट नहीं कर सका, जिन्होंने दावा किया कि इस अतिरिक्त तीन प्रतिशत डीए के बाद भी, केंद्र सरकार में उनके समकक्षों के साथ राज्य सरकार के कर्मचारियों का अंतर 36 प्रतिशत बना हुआ है।