कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, Unified Pension Scheme पर बड़ा अपडेट, 1 अप्रैल से भरना होगा फॉर्म, ऐसे मिलेगा UPS का लाभ, जानें पात्रता प्रक्रिया

केंद्र सरकार के कर्मचारियों की इन सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फार्म एक अप्रैल, 2025 से अधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इस स्कीम के तहत 25 साल की सेवा पूरी कर चुके केंद्रिय कर्मचारियों को रिटायरमेंट से ठीक पहले के 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन के 50% के बराबर पेंशन मिलेगी।

Unified Pension Scheme :1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू होने जा रही है।पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने UPS लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। पंजीकरण 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो जाएगा। योग्य कर्मचारी Protean CRA पोर्टल (https://npscra.nsdl.co.in) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और वे अपने फॉर्म को भौतिक रूप से भी जमा कर सकते हैं।

जो कर्मचारी यूपीएस को एक बार चुन लेगा, वह वापस एनपीएस में नहीं जा पाएगा। यूपीएस से 23 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ होगा। इस योजना में सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन बेसिक पे और महंगाई भत्ते (DA) की कुल राशि का 18.5 फीसदी हो जाएगा, जो पहले 14 फीसदी था।  वहीं, कर्मचारी अपनी पेंशन के लिए 10 फीसदी का कॉन्ट्रिब्यूशन जारी रखेंगे

UPS : किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

  • जो 1 अप्रैल 2025 तक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आते हैं। जो 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद केंद्र सरकार में शामिल होंगे।
  • जो पहले NPS के तहत कवर थे और 31 मार्च 2025 तक या तो रिटायर्ड हो चुके हैं, स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले चुके हैं, या फंडामेंटल रूल 56(j) के तहत सेवानिवृत्‍त हो चुके हैं।
  • अगर एनपीएस सब्सक्राइबर का यूपीएस चुनने से पहले निधन हो जाता है, तो उसकी कानूनी पत्नी (विवाहित जीवनसाथी) UPS योजना में शामिल हो सकती है.
  • पेंशन पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 25 साल तक सर्विस देनी होगी।अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो कर्मचारी के परिवार को कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा।
  • जिन कर्मचारियों ने 10 साल तक सर्विस दी है, उन्हें कम से कम 10,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी।अगर कर्मचारी की सर्विस 25 साल से कम है और 10 साल से अधिक है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी।
  • कोई भी कर्मचारी जो NPS के तहत UPS विकल्प का प्रयोग करता है, वह किसी अन्य नीतिगत रियायत, नीतिगत परिवर्तन, वित्तीय लाभ, बाद में सेवानिवृत्त होने वालों के साथ किसी भी समानता आदि का हकदार नहीं होगा और दावा नहीं कर सकता है, जिसमें सेवानिवृत्ति के बाद भी शामिल है।
  • कर्मचारी को सेवा से हटाए जाने या बर्खास्त किए जाने या इस्तीफे के मामले में यूपीएस या सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।

आईए जानते है UPS में किस तरह मिलेगा लाभ

  • Assured Pension: 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत। यह वेतन न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा अवधि तक कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होगा।
  • Assured Family Pension: कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत।
  • Assured Minimum Pension: न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह।
  • Inflation Index: सुनिश्चित पेंशन पर, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर।औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत।सैन्य कर्मचारियों के मामले में सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान, सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए, सेवानिवृत्ति की तिथि पर मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा,इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की धनराशि कम नहीं होगी।

किसे कौन सा फॉर्म भरना होगा?

  • वर्तमान कर्मचारी 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल कर्मचारी, जिन्होंने NPS को चुना है, वे UPS को चुन सकते हैं, उन्हें फॉर्म A2 भरना होगा।
  • नए भर्ती कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 को या इसके बाद सेवा में शामिल कर्मचारी भी इस विकल्‍प को चुन सकते हैं और उन्‍हें फॉर्म A1 भरना होगा।
  • सेवानिवृत्त कर्मी, जो पहले रिटायर हो चुके हैं और NPS का विकल्‍प चुना है तो वे भी UPS में शामिल हो सकते हैं,उन्हें eKYC दस्तावेजों के साथ फॉर्म B2 जमा करना होगा।
  • कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी को eKYC दस्तावेजों के साथ फॉर्म बी6 जमा करना होगा।
  • स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने पर 25 साल की सेवा का प्रावधान लागू होगा, ऐसे कर्मचारियों को 60 साल की उम्र पूरी होने का तक इंतजार करना होगा।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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