UPS NPS Option : केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर है।देश में 1 अप्रैल 2025 से UPS लागू है। अगर अबतक आपने UPS या NPS में से किसी एक का विकल्प नहीं चुना है तो 30 सितंबर 2025 तक चुन सकते है ।इससे साथ ही केन्द्र सरकार ने सोमवार को एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के कर्मचारियों को एक बार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) का विकल्प चुनने की भी सुविधा देने की घोषणा की।आईए जानते है इसके लिए किन नियमों का पालन करना होगा और किन कर्मचरियों पर यह लागू होगा…
UPS से NPS में कैसे कर सकेंगे स्विच?
- वित्त मंत्रालय ने अपने आदेश में साफ किया है कि कर्मचारी एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में वापस आना चाहते है तो उन्हें एक मौका मिलेगा, ताकी वे UPS से बाहर निकलकर NPS में शिफ्ट हो सकें। यह सुविधा उन सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध होगी, जिन्होंने UPS का विकल्प चुना है।
- ध्यान रहे अगर किसी कर्मचारी ने UPS से NPS में स्विच कर लिया, तो वह वापस UPS में नहीं जा पाएगा।यह सुविधा UPS के लाभार्थियों के लिए सेवानिवृत्ति की तारीख से एक वर्ष पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की स्थिति में मान्य सेवानिवृत्ति की तारीख से तीन महीने पहले तक उपयोग की जा सकेगी।
- अगर कोई कर्मचारी वॉलंटरी रिटायरमेंट लेता है, तो उसे रिटायरमेंट से तीन महीने पहले तक यह ऑप्शन मिल सकता है। जिन कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई चल रही है या जो नौकरी से हटाए गए है, वे इसके पात्र नहीं होंगे।
यूपीएस में मिलते है ये लाभ
- Assured Pension: 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत। यह वेतन न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा अवधि तक कम सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होगा।
- Assured Family Pension: कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत।
- Assured Minimum Pension: न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह।
- Inflation Index: सुनिश्चित पेंशन पर, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर।औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीई-आईडब्ल्यू) के आधार पर महंगाई राहत।सैन्य कर्मचारियों के मामले में सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अतिरिक्त एकमुश्त भुगतान, सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए, सेवानिवृत्ति की तिथि पर मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) का 1/10वां हिस्सा,इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की धनराशि कम नहीं होगी।
- Gratuity: यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में शामिल सभी सरकारी कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) के तहत मिलने वाले रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी बेनिफिट के हकदार होंगे। यूपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के पहले यह लाभ केवल OPS वाले कर्मचारियों को ही मिलता था। सेवा के दौरान कर्मचारी की मौत, विकलांगता या अमान्यता की स्थिति में अ UPS कर्मचारी भी OPS के समान लाभ प्राप्त कर सकेंगे, इसके लिए उन्हें अपने सेवा रिकॉर्ड में विकल्प देना होगा।
- TAX Benefit : एनपीएस के अंतर्गत उपलब्ध कर लाभ, यथावश्यक परिवर्तनों के साथ यूपीएस पर भी लागू होंगे, क्योंकि यह एनपीएस के अंतर्गत एक विकल्प है।ये प्रावधान मौजूदा एनपीएस ढ़ांचे के साथ समानता सुनिश्चित करते हैं और एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को पर्याप्त कर राहत और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं।
NPS में किस तरह मिलता है लाभ
- NPS एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, इसके तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है।
- एनपीएस में कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय 60% राशि मिलती है। बाकी 40% राशि से पेंशन बनती है।
- NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है।
- नई पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है।सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।
- NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।





